सम्राट मिहिर भोज की ‘जाति’ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. रविवार, 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सम्राट मिहिर भोज के नाम से गुर्जर हटाने को लेकर निंदा की. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर पूरे प्रकरण पर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए माफी मांगने की बात की है. इस रिपोर्ट में अखिलेश यादव और मायावती के ट्वीट के अलावा जानिए कि सम्राट मिहिर भोज को लेकर पूरा विवाद क्या है.
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “ये इतिहास में पढ़ाया जाता रहा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर-प्रतिहार थे पर भाजपाइयों ने उनकी जाति ही बदल दी है. निंदनीय! छलवश भाजपा स्थापित ऐतिहासिक तथ्यों से जान-बूझकर छेड़छाड़ व सामाजिक विघटन करके किसी एक पक्ष को अपनी तरफ करती रही है. हम हर समाज के मान-सम्मान के साथ हैं.”
बीएसपी सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा-
“अभी हाल ही में दिनांक 22 सितंबर 2021 को गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की दादरी में यूपी सरकार द्वारा लगाई गई प्रतिमा का मा. मुख्यमंत्री ने गुर्जर शब्द के हटी हुई स्थिति में जो उसका अनावरण किया है उससे गुर्जर समाज की भावनाओं को जबरदस्त ठेस पहुँची है तथा वे काफी दुःखी व आहत हैं.”
मायावती
उन्होंने आगे कहा, “इतना ही नहीं बल्कि गुर्जर समाज के इतिहास के साथ ऐसी छेड़छाड़ करना अति-निंदनीय तथा सरकार इसके लिए माफी मांगे व साथ ही प्रतिमा में इस शब्द को तुरंत जुड़वाए, बीएसपी की यह मांग.”
क्या है विवाद के पीछे की पूरी वजह?
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 सितंबर, 2021 को ग्रेटर नोएडा के दादरी स्थित सम्राट मिहिर भोज कॉलेज के परिसर में लगी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था. हालांकि, मुख्यमंत्री के प्रतिमा अनावरण से कुछ मिनट पहले ही प्रतिमा पर सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर मिटा शब्द दिया गया था, जिसको लेकर गुर्जर समाज लगातार विरोध कर रहा है.
दरअसल, मुख्यमंत्री के दौरे से पहले सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर लगे शिलापट्ट पर गुर्जर सम्राट मिहिर भोज लिखा गया था, जिसको लेकर राजपूत समाज ने आपत्ती जताई थी. आपको बता दें कि राजपूत समाज सम्राट मिहिर भोज को अपना पूर्वज बताते हैं, राजपूतों के विरोध के बाद सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से अनावरण से पहले ही गुर्जर हटा लिया गया, जिससे नाराज होकर गुर्जर समुदाय के लोगों ने दादरी विधायक तेजपाल नागर के खिलाफ मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बाद विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी भी की थी.
गुर्जर समाज ने महापंचायत कर लिया ये फैसला
इस प्रकरण को लेकर गुर्जर समाज ने रविवार को सम्राट मिहिर भोज कॉलेज में एक महापंचायत का ऐलान किया था. हालांकि, महापंचायत के ऐलान के बाद पुलिस अलर्ट हो गई थी. सुबह से ही सम्राट मिहिर भोज कॉलेज में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था. सम्राट मिहिर भोज कॉलेज में महापंचायत की पुलिस द्वारा मनाही के बाद गुर्जर समुदाय के लोग पास के ही चिटहेरा गांव में जुट गए और वहीं महापंचायत शुरू कर दी. महापंचायत में फैसला लिया गया कि सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर लगे शिलापट्ट को हटाकर गंगाजल से प्रतिमा को शुद्ध किया जाएगा. इसके अलावा, दोबारा शिलापट्ट में सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द जोड़कर प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा.
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