पिछले दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से गड्ढों में ई रिक्शा गिरने की कई घटनाएं सामने आई थी. इन घटनाओं के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए थे जिसके बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश की गड्ढा युक्त सड़कों के हाल सामने आ गए थे. इन मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने यूपी की सड़कों को गड्ढों से मुक्त करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए थे. गौर करने वाली बात यह है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि सीएम योगी ने इस तरह के निर्देश दिए हो. यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का मामला साल 2017 से चला आ रहा है.
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सीएम योगी ने दिए निर्देश
हम सबसे पहले आपको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाल ही में दिया गए निर्देश के बारे में बताते हैं. 7 अक्टूबर 2022 को सीएम योगी (CM Yogi) ने यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए थे. सीएम योगी के निर्देशों के बाद बैठकों और रणनीति का दौर भी शुरू हो गया था. पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) योजना बनाकर काम पर भी लग गए.
इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गड्ढा मुक्त सड़क के अभियान की समय सीमा बढ़ा दी गई. जबकि पहले सीएम योगी ने अधिकारियों को 15 नवंबर तक राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए गए थे.
फिर बढ़ी समयसीमा
अब प्रदेश सरकार ने इस अभियान की समय सीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया है. दरअसल पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता ने शासन को पत्र भेजकर कहा था कि पिछले दिनों एनजीटी की ओर से प्रदूषण को लेकर रोक लगीं थी. इस के कारण हॉटमिक्स प्लांट बंद रहे थे. ऐसे में सड़कों को गड्ढामुक्त कराया जाना मुश्किल है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसी समस्या को देखते हुए इस अभियान की समय सीमा बढ़ा दी गई थी.
उत्तर प्रदेश सरकार के गढ्ढा मुक्त रोड अभियान के 30 नवंबर तक पूरा होने पर भी संशय बना हुआ है. क्योंकि गड्ढा मुक्त अभियान का इतिहास तो कुछ और ही कहानी बयां करता है. यहां की जनता को गड्ढा मुक्त अभियान शब्द सुनने की आदत सी पढ़ चुकी है. तो आइये जानते हैं इस अभियान का हैरान कर देने वाला इतिहास.
2017 में भी हुई थी गड्ढा मुक्त अभियान पर बात
जैसा की हमने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं है जब योगी सरकार ने गड्ढा मुक्त रोड की बात की हो. इससे पहले साल 2017 में भी कुछ यहीं बात प्रदेश की जनता से की गई थी. सीएम योगी की दूसरी कैबिनेट बैठक में ही यूपी की रोड को गड्ढों से मुक्त करने के बारे में बात हुई थी. इस बैठक में यह तय हुआ था कि 15 जून 2017 तक प्रदेश की सभी सड़के गड्ढा मुक्त कर दी जाएगी.
इसके बाद 15 जून को यूपी के उप मुख्यमंत्री और उस समय के PWD मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और यह बताया कि प्रदेश की 63 फीसदी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया गया है.
फिर आया साल 2018
साल 2017 के बाद साल 2018 में भी एक बार फिर यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात हुई. 16 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने 31 अक्टूबर तक राज्य की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए थे.
आया साल 2020 और फिर वहीं बात
साल 2017, 2018 के बाद साल 2020 आ गया. एक बार फिर यूपी की सड़कों के गड्ढा मुक्त करने की बात उठी. 12 सिंतबर 2020 के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुरादाबाद मंडल के विकास कार्यो की समीक्षा कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्र से पूर्व उत्तर प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाना चाहिए.
2021 में भी वहीं कहानी
अब आया साल 2021 और इस साल भी गड्ढा मुक्त अभियान पर बात की गई. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में सड़कों की मरम्मत और गड्ढा मुक्ति अभियान को 15 सितम्बर, 2021 से शुरु किया जाएगा. उन्होंने संबंधित विभागों और अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि, प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत-अनुरक्षण और गड्ढा मुक्ति का कार्य संबंधित विभाग 15 नवंबर 2021 तक हर हाल में पूरा करें.
अब साल 2022 में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गड्ढा मुक्त सड़कों की बात कही है. दिन बदले, महीने बदले और बदले साल लेकिन पूरी तरह से नहीं बदली तो वह है यूपी की सड़कों के गड्ढों के हाल. अब देखना यह होगा कि क्या इस साल यूपी की सड़के पूरी तरह से गड्ढा मुक्त हो पाएगी.
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