ऑटोमैटिक हथियार मिले हैं…एनकाउंटर के बाद अनिल दुजाना को लेकर अमिताभ यश ने किए चौंकाने वाले खुलासे

आशीष श्रीवास्तव

05 May 2023 (अपडेटेड: 05 May 2023, 01:32 PM)

Uttar Pradesh News: पश्चिमी यूपी में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. यूपी एसटीएफ…

अनिल दुजाना को लेकर अमिताभ यश ने किए चौंकाने वाले खुलासे

अनिल दुजाना को लेकर अमिताभ यश ने किए चौंकाने वाले खुलासे

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Uttar Pradesh News: पश्चिमी यूपी में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को मेरठ में अनिल दुजाना (Anil Dujana Encounter) को मार गिराया था. वहीं एनकाउंटर के बाद यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अनिल दुजाना को लेकर काफी खुलासे किए हैं.  उन्होंने कहा कि अनिल दुजाना जेल के अंदर से भी अपने गैंग को संचालित करता था. ऑटोमैटिक हथियारों से घटनाओं का अंजाम देता था, जिसकी वजह से लोगों में इसका खौफ था.

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 अनिल दुजाना को लेकर अमिताभ यश का खुलासा

अमिताभ यश ने आगे बताया कि, ‘अनिल दुजाना पर एसटीएफ द्वारा काफी समय से नज़र रखी जा रही थी. ये कल (गुरुवार) कोई बड़ी घटना को अंजाम देने जा रहा था, क्योंकि इसके पास से एडवांस हथियार बरामद हुए हैं. जब पुलिस ने इसकी घेराबंदी की तो उसने ओपन फायर कर दिया. पुलिस के जवाबी कार्रवाई में ये मारा गया.’ उन्होंने बताया कि, ‘इसका 21 साल का आपराधिक इतिहास था. इसके ऊपर 65 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. काफी बड़ी संख्या में इसके पास असलहे रहते थे. दुजाना सुपारी किलर का काम करता था. उसने अलग-अलग मामलों में तमाम लोगों को धमकियां देना शुरू कर दिया था.’

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अमिताभ यश ने आगे बताया कि अनिल दुजाना का कालिया गैंग के साथ इसका सम्बन्ध रहा है, यहां तक सुंदर भाटी के साथ यह भी यह रहा है.दोनों के संबधों में तनाव आने के बाद ये एक दूसरे के एंटी हो गए थे. बता दें कि एनकाउंटर के बाद शुक्रवार को अनिल दुजाना के शव को लेकर उसके परिजन गांव पहुंचे.वहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचे. पैतृक गांव में ही अनिल दुजाना का अंतिम संस्कार किया गया. बताया यह जा रहा है कि अनिल दुजाना अपने ससुराल बागपत जा रहा था, जिस समय उसकी और एसटीएफ की मेरठ के जानी में मुठभेड़ हुई.

अनिल दुजाना पर सन 2001 में नोएडा के थाना सेक्टर 20 में डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसके बाद सन् 2002 में गाजियाबाद के कविनगर थाना मैं हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ. इसके बाद अनिल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया.

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