उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है. प्रदेश के ज्यादातर जगहों पर सोमवार सुबह कोहरे की घनी परत छाई रही. पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भीषण कोल्ड-डे की स्थिति बनी हुई. वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में कोल्ड-डे की स्थिति बरकरार है.
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मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला, जिसका मतलब है कि बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय तक चलीं.
‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, “आमतौर पर दो पश्चिमी विक्षोभ के बीच तीन से चार दिन का अंतर होता है, लेकिन इस बार यह समय बढ़कर सात दिन हो गया है. एक पश्चिमी विक्षोभ 30 दिसंबर को क्षेत्र से लौटा था और दूसरा सात जनवरी को क्षेत्र में पहुंचा.”
पलावत ने बताय, “दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला जिस कारण बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय मैदानी इलाकों की तरह बह रही हैं.”
आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि कुछ दिन बाद, एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ समय के लिए ठंड से राहत मिल सकती है.
वहीं, मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके जेनामणि ने बताया कि 11 जनवरी की रात और 12 जनवरी की सुबह यूपी में हल्की बूंदा-बांदी होने की संभावना है.
रविवार को मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके जेनामणि ने बताया था कि 10 जनवरी से कोई शीतलहर नहीं होगी, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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