उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2021 पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ ने नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाले आरोपी राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय उपाध्याय ने राय अनूप प्रसाद की कंपनी ‘आरएसएम फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड’ को टीईटी पेपर छापने का 13 करोड़ रुपये में ठेका दिया था.
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कहां के रहने वाले हैं अनूप प्रसाद और क्या है उनका गोरखपुर कनेक्शन? आइए इस स्टोरी में आपको विस्तार से बताते हैं.
गोरखपुर के गुलरिया थाना क्षेत्र के सरहरी रियासत से राय अनूप प्रसाद का गहरा नाता रहा है. उनके बाबा महेश्वरी प्रसाद राय अंग्रेजों के शासन काल में सरहरी स्टेट की देखभाल किया करते थे और वह अमीन नियुक्त किए गए थे. साल 1962 में अनूप प्रसाद के परिवार को सरहरी रियासत का मालिकाना हक मिल गया.
राय अनूप प्रसाद के पिता गोरखपुर फर्टिलाइजर में अफसर थे. साल 1990 में गोरखपुर फर्टिलाइजर बंद होने के बाद अनूप प्रसाद के पिता राय परमेश्वरी प्रसाद पूरे परिवार के साथ दिल्ली चले गए. दिल्ली में पूरी तरह से शिफ्ट होने के बाद अनूप प्रसाद ने गोरखपुर में अपनी पुश्तैनी जमीनों को बेचना शुरू कर दिया. कई बेशकीमती जमीन बेचकर उन्होंने दिल्ली में प्रिंटिंग का कारोबार शुरू किया और ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए आरएसएम फिंसर्व नामक एक कंपनी बनाई.
गोरखपुर से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में कारोबार शिफ्ट होने के बाद राय अनूप प्रसाद का अपने गांव सरहरी आना भी कम हो गया. बताया जा रहा है कि बिहार की एक बीजेपी महिला विधायक से अनूप प्रसाद की रिश्तेदारी है.
फिलहाल मामले में यूपी एसटीएफ की जांच में राय अनूप प्रसाद ही सबसे बड़े विलेन बनकर उभरे हैं. आरोप है कि उन्होंने बिना प्रिंटिंग मशीन के ही पेपर प्रिंट करवाने का ठेका हासिल किया और फिर परीक्षा पेपर दूसरी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाकर सप्लाई किया.
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