14 सितंबर, मंगलवार को हुई यमुना प्राधिकरण की 71वीं बोर्ड बैठक में अहम फैसले लिए गए. इन फैसलों में सबसे अहम फैसला यह ये था कि गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा जिलों के 1,189 गांवों में ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा. इस सर्वे में गांव की आबादी को शामिल किया जाएगा और मालिकाना हक के दस्तावेज बनाए जाएंगे. इन दस्तावेजों के आधार पर लोगों को बैंकों से लोन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने का हक मिलेगा.
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यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया
“इन सभी इलाकों का ड्रोन सर्वे करवाया जाएगा. सर्वे के मुताबिक जिलाधिकारी संपत्ति के दस्तावेज ग्रामीणों को मुहैया करवाएंगे. ये दस्तावेज मिलने के बाद लोगों को बड़ा फायदा होगा. सबसे बड़ी बात ये है कि गांव वालों को अपने घरों और गांव की हद में मौजूद दूसरी संपत्तियों पर दस्तावेजी मालिकाना हक मिल जाएगा.”
डॉ. अरुण वीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण
यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के दायरे में छह जिलों गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा के 1,189 गांव शामिल हैं. ये सारे गांव गौतमबुद्ध नगर की जेवर और सदर तहसील, बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसील, अलीगढ़ की खैर तहसील, हाथरस की सादाबाद, हाथरस और सासनी तहसील, मथुरा जिले की सदर, मांट और महावन तहसील और आगरा जिले की एत्मादपुर व सदर तहसील में पड़ते हैं.
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