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भैरव अष्टमी यानी वे दिन जब शिव के रौद्र रूप बाबा कालभैरव की उत्पत्ति हुई थी.
भैरव अष्टमी को काशीवासी भैरव भक्त बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते चले आ रहे हैं.
इसी उपलक्ष्य में बाबा कालभैरव के दरबार में भक्तों ने 801 किलों का केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया.
इस बार भारी भरकम केक की अलग-अलग थीम थी.
कहीं आजादी का अमृत महोत्सव तो कहीं ज्ञानवापी मस्जिद में बाबा मिल गए.
इसके अलावा बाबा को चढ़ाई जाने वाली मदिरा की बोतल भी केक केक आकार में थी.
इस बार 801 किलो का केक ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ को समर्पित था.
केक निर्माता प्रिंस गुप्ता ने बताया कि पिछले 17 साल से भैरव अष्टमी के दिन बाबा को आधा किलो के केक चढ़ाने की परंपरा आज 801 किलो तक पहुंच चुकी है.
केक को विशेष तौर पर ड्राई फ्रूट और फ्रेश फ्रूट और बगैर अंडा से बनाया गया था.
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