इस बार रक्षाबंधन का पर्व इसलिए खास होने वाला है, क्योंकि भाइयों की कलाई पर चंद्रयान-3 वाली राखी खूब फबेगी. ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि राखी के बाजार में ‘योगी’-‘मोदी’ के बाद चंद्रयान-3 की राखी की भी धूम है. बहनों की मानें तो वह इस बार रक्षाबंधन का पर्व ISRO के वैज्ञानिक भाइयों को समर्पित करते हुए अपने भाइयों की कलाई पर चंद्रयान-3 की राखी बांधेगी और ISRO को धन्यवाद भी करेंगी. लिहाजा चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न और रक्षाबंधन का पर्व एक साथ मनाने की बात बहनें कह रही हैं.
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यूं तो रक्षाबंधन को भाई-बहन के बीच का पर्व कहा जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र यानी राखी को बांधकर अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं, लेकिन इस बार इस पर्व में चंद्रयान-3 के सफलता की भी एंट्री हो गई है.
बहनें न केवल बाजार में चंद्रयान-3 की राखी को बड़े चाव से खरीद रही हैं, बल्कि यह भी बता रही हैं कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व वे ISRO के वैज्ञानिकों को समर्पित करते हुए और उनको धन्यवाद देते हुए चंद्रयान-3 की राखी बाजार से खरीद रही हैं
शहर के दालमंडी इलाके में लगे राखी बाजार से खरीदारी करने वाली एक बहन निधि गिरी ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन और देश के गौरव यानी चंद्रयान-3 की सफलता को एक साथ सेलिब्रेट करेंगी.
निकिता ने ये भी बताया कि वे ISRO भाइयों को धन्यवाद देती हैं, जिन्होंने हम भारतीयों को गौरवान्वित महसूस कराया. चंद्रयान-3 की राखी न केवल चंद्रयान-3 को समर्पित है, बल्कि हमारे उन भाइयों को भी है जो इस मिशन में लगे थे.
वहीं खरीदारी करती एक अन्य बहन अन्नू ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता हमारे लिए गौरव की बात है, इसीलिए वे अपने भाइयों की कलाई पर चंद्रयान-3 वाली राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाएंगी.
वहीं, राखी दुकानदार मो.आसिफ बताते हैं कि उनकी तरफ से हर बार कोशिश होती है कि बाजार में कुछ नया लाया जाए और इस बार तो चंद्रयान-3 की वजह से चारों ओर गर्व का माहौल है, तो इससे अच्छा और कोई मौका नहीं हो सकता कि बहनें अपने भाइयों की कलाई पर चंद्रयान-3 की राखी बांधें. इसीलिए मोदी-योगी की राखी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड चंद्रयान-3 वाली राखियों की है, जिसकी खरीदारी न केवल बनारस, बल्कि पूरे पूर्वांचल से आकर बहनें कर रही हैं.
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