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वाराणसी में गंगा का जलस्तर भले ही स्थिर हो गया हो पर लगभग सारे घाट पानी में समा चुके हैं.
ऐसे में अब मोक्ष प्राप्ति के लिए शवों की अंत्येष्टि मणिकर्णिका घाट पर बने ऊंचे प्लेटफॉर्म पर हो रहा है.
यहां शवों को लेकर पहुंचने के लिए लोगों नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
अब महाश्मशान मणिकर्णिका पर शवदाह का एक मात्र यही विकल्प बचा है.
इस शव दाह तक पहुंचने के लिए नाव से पहुंचने के कुछ दूर पहले ही गर्दन तक पानी में डूबकर अर्थी को कंधा देना पड़ रहा है.
कुछ मजबूर लोग शव को पानी में छोड़ अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
इतनी दिक्कतों के बाद कहीं जाकर मोक्ष की कामना के साथ महाश्मशान पर चिता नसीब हो रही है.
बाढ़ का फायदा उठाकर दुकानदार लूट भी मचाए हुए हैं. शमशान घाट पर भारी गंदगी भी है.
सूखी लकड़ी समेत दूसरी सामग्री लेने भी काफी परेशानी हो रही है क्योंकि हर तरफ पानी-पानी है.
लकड़ी भी नाव पर रखकर ले जाना पड़ा. 2-3 घंटे से इंतजार करना पड़ रहा है.
बाढ़ की इस विभिषीका में हर तरफ मुश्किल ही मुश्किल है.
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