उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने जा रही है. इन 100 दिनों में योगी सरकार कानून व्यवस्था (Yogi Government Law & Order) और अपराध नियंत्रण के मामले में कितना पास और कितना फेल हुई, इसे विस्तार से समझते हैं.
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मार्च 2017 में पहली बार योगी आदित्यनाथ सरकार आई और उसने अपने 5 साल का कार्यकाल बेहतर कानून व्यवस्था और अपराधियों पर नकेल कसने के एजेंडे के साथ पूरा किया. अपराधियों की गोली का जवाब गोली से देने की छूट हो या फिर अपराधियों की संपत्ति पर बुल्डोजर चलाना हो. पहले कार्यकाल से शुरू हुई यह रणनीति चुनाव में बीजेपी के लिए हथियार बनी और मार्च 2022 में योगी आदित्यनाथ दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. अब सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के भी 100 दिन पूरे कर रही है.
इस खबर में विस्तार से जानते हैं कि इन 100 दिनों में योगी सरकार ने क्या-क्या हासिल किया है.
पहले नजर इन 100 दिनों में हुए पुलिस मुठभेड़ के आंकड़ों पर
आपको बता दें कि 25 मार्च 2022 से 1 जुलाई 2022 तक कुल 525 एनकाउंटर हुए हैं. इस दौरान 1034 अपराधी गिरफ्तार किए गए जबकि पुलिस मुठभेड़ में 425 बदमाश घायल हुए. इस अवधी में पुलिस मुठभेड़ में 5 बदमाश मारे गए. वहीं, बदमाशों से मुठभेड़ में 68 पुलिसकर्मी घायल भी हुए.
अगर जोनवार बात करें तो,
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मेरठ जोन में सर्वाधिक 193 मुठभेड़.
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बरेली जोन में 62.
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आगरा जोन में 55.
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लखनऊ जोन में 48.
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लखनऊ कमिश्नरी में 6.
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वाराणसी जोन में 36.
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गोरखपुर जोन में 37.
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नोएडा कमिश्नरी में 44 मुठभेड़ हुईं.
आपको बता दें कि वाराणसी कमिश्नरी एक अकेली ऐसी कमिश्नरी है, जहां पर बदमाशों से कोई मुठभेड़ नहीं हुई.
बदमाशों से मुठभेड़ में मेरठ जोन में 27, बरेली जोन में 16, गोरखपुर जोन में 10, लखनऊ जोन में 9, कानपुर जोन में 2, वाराणसी जोन में 3 और लखनऊ कमिश्नरी में 1 पुलिसकर्मी घायल हुआ.
दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश पुलिस ने माफियाओं के चिह्नीकरण की संख्या भी बढ़ा दी. प्रदेश स्तर के 50 चिह्नित माफियाओं के साथ-साथ डीजीपी मुख्यालय ने भी 12 माफियाओं को चिह्नित किया और उनके खिलाफ कार्रवाई का दौर शुरू किया गया.
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गैंगस्टर एक्ट में 25 मार्च 2022 से जून 2022 तक जप्त की गई कुल 192 करोड़ 40 लाख 34 हजार 582 रुपये की संपत्ति जप्त की गई.
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सहारनपुर के खनन माफिया और बसपा सरकार के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की 127 करोड़ 93लाख 4,180 रुपये की संपत्ति जब्त की गई.
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संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की मुजफ्फरनगर में 4 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई.
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गैंगस्टर खान मुबारक की अंबेडकरनगर में 1 करोड़ 93 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई.
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अतीक अहमद की प्रयागराज में 5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई.
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मुख्तार अंसारी की गाजीपुर और मऊ में 14 करोड़ 31 लाख रुपये की संपत्ति जप्त की जा चुकी है.
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भदोही में विजय मिश्रा की 4 करोड़ 11लाख 38,780 रुपये की संपत्ति जब्त हुई.
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आजमगढ़ में ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह की 4809000 रुपये की संपत्ति जब्त की गई.
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बलरामपुर में पूर्व सांसद रिजवान जहीर की 14 करोड़ 30 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
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प्रदेश स्तर के इन 50 माफियाओं के अलावा मुख्यालय स्तर पर भी 12 गैंगस्टर की 92 करोड़ 18 लाख 96 हजार 700 रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
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इस तरह प्रदेश में चिह्नित कुल 62 माफियाओं की अब तक 284 करोड़ 59 लाख 31,282 रुपये की संपत्ति जप्त हो चुकी है.
अब बात माफियाओं पर दर्ज केस और कसे गए कानूनी शिकंजे की करें तो डीजीपी मुख्यालय से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार,
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चिह्नित बदमाश व माफिया 2433.
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केस दर्ज हुए 17169.
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गिरफ्तार किए गए 1645.
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कोर्ट में सरेंडर 134.
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15 के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई की गई.
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36 लोगों पर एनएसए लगाया गया.
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788 पर गैंगस्टर एक्ट लगा.
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गैंगस्टर एक्ट में चिह्नित 249 अभियुक्तों की 6 अरब 61 करोड़ 78 लाख 5123 रुपये की संपत्ति जब्त हुई.
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618 पर गुंडा एक्ट लगा.
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47 के लाइसेंस कैंसिल हुए.
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719 पेशेवर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई.
वर्तमान में अगर चिन्हित माफियाओं की बात करें तो,
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619 माफिया जेल में हैं.
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1744 जमानत पर हैं.
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18 माफिया मारे गए हैं.
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52 चिह्नित माफिया की तलाश की जा रही है.
दूसरे कार्यकाल में प्रदेश मुख्यालय स्तर से चिह्नित 62 अपराधिक माफियाओं के अलावा अन्य क्षेत्र के माफियाओं को भी चिह्नित किया गया है. इनमें,
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30 खनन माफिया
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228 शराब तस्करी माफिया
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168 पशु तस्करी माफिया
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347 भूमाफिया
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18 शिक्षा माफिया और 359 अन्य माफिया शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में इन कार्रवाइयों के बावजूद कई घटनाएं कानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर सवाल भी खड़े कर गईं. इनमें,
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ललितपुर के पाली थाने में गैंगरेप पीड़िता से थाने में कथित रेप की घटना.
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चंदौली में दबिश के दौरान पुलिस की बर्बरता से युवती की पिटाई और फिर संदिग्ध मौत का मामला.
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प्रयागराज में एक ही परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से हत्या का मामला.
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ईद से पहले अयोध्या में आपत्तिजनक मांस व धार्मिक पुस्तक फाड़ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई.
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कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई पथराव और तोड़फोड़ हुई.
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3 जून के बाद 10 जून को प्रयागराज, सहारनपुर, अंबेडकर नगर, मुरादाबाद समेत कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई.
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अग्निपथ योजना के विरोध में भी बिहार से सटे बलिया, जौनपुर, चंदौली समेत कई शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किया हिंसा हुई.
दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर इन आंकड़ों के सहारे सरकार भले ही सील टूट कर आने की कोशिश कर रही हो, लेकिन विपक्षी दल कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं.
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा,
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार प्रोपेगेंडा सरकार है. मार्केटिंग वाली सरकार है. इन्वेस्टर्स समिट करते हैं, लेकिन इन्वेस्टमेंट कहां हुआ यह पता नहीं. कानपुर में जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मौजूद थे वहां बवाल हो गया पत्थरबाजी हुई हिंसा हुई. खुफिया तंत्र और पुलिस की विफलता का सबसे बड़ा नमूना सामने आया. 1 सप्ताह बाद लाख दावों के बीच अगले जुमे की नमाज के बाद सहारनपुर, प्रयागराज, अंबेडकर नगर समेत कई जिलों में हिंसा हुई सड़कों पर प्रदर्शन हुए बवाल हुआ, यह इनका लॉ एंड ऑर्डर है? यह विकास की राजनीति नहीं नफरत की राजनीति करने वाले लोग हैं. नफरत की राजनीति कर हम सत्ता पाले इनका सिर्फ इसी पर जोर रहता है.
अनुराग भदौरिया
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत कहते हैं, “पुरानी सरकार नई पैकिंग और रैपिंग में आई है. इस सरकार के मंत्री ही अपनी सरकार के कामों की बखिया उधेड़ रहे हैं. मौजूदा सरकार में उपमुख्यमंत्री दवा गोदाम में छापा मारते हैं, तो करोड़ों की दवाई एक्सपायरी डेट की मिलती हैं, यह करोड़ों की दवाई पिछले बीजेपी सरकार के ही कार्यकाल में खरीदी गई थीं, जो अस्पतालों तक नहीं पहुंचाई गईं.”
उन्होंने आगे कहा, “प्रयागराज, गोरखपुर में हुए सामूहिक हत्याकांड पुलिस के इकबाल पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं. मौजूदा बीजेपी सरकार में जो संविधान को मानता है उसको खता है, लेकिन जो बीजेपी के नियम-कायदे मानता है वही सुरक्षित है. बुल्डोजर के दम पर अदालतों को संविधान को ध्वस्त किया जा रहा है.”
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