कौन हैं अतुल सुभाष जिनके नाम की सोशल मीडिया पर आई है बाढ़, 2 मिनट में पूरी कहानी जानिए

यूपी तक

11 Dec 2024 (अपडेटेड: 11 Dec 2024, 01:25 PM)

अतुल सुभाष की आत्महत्या ने वैवाहिक विवाद और कोर्ट की खामियों को उजागर किया है. जानें कौन थे अतुल सुभाष और उनके नाम की चर्चा क्यों हो रही है.

Atul Subhash

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Atul Subhash News: एक हंसते-मुस्कुराते चेहरे के पीछे कितनी कहानियां छिपी होती हैं, यह कभी-कभी हम सोच भी नहीं पाते. बेंगलुरु के 34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने हर किसी को झकझोर दिया है. एक सुसाइड नोट और 1.5 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके पीछे कई सवाल छोड़ गए हैं. क्या शादीशुदा जीवन में कड़वाहट इतनी गहरी हो सकती है कि एक इंसान खुद को खत्म करने पर मजबूर हो जाए? आप आज इस खबर में अतुल की पूरी कहानी जानिए.

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कौन थे अतुल सुभाष?

आपको बता दें कि अतुल सुभाष मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. वे अपने परिवार के लिए मेहनती बेटे, भाई और एक पिता थे. अतुल की शादी यूपी की जौनपुर निवासी निकिता सिंघानिया से हुई थी. उनका साढ़े चार साल के एक बेटा भी है. मालूम हो कि अतुल की मौत के बाद उनका 23 पेज का सुसाइड नोट और 1.5 घंटे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 

 

 

अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसके परिवार पर मानसिक उत्पीड़न, झूठे केस और भारी रकम वसूली का आरोप लगाया है. उनका कहना था कि उन्हें लगातार झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा था. अतुल का आरोप है कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने उनसे कई करोड़ रुपयों की मांग की. अतुल के अनुसार, अदालत के माध्यम से हर महीने 80,000 रुपये मेंटिनेंस देने का दबाव बनाया गया. उनका दावा था कि उनके बेटे को भी ब्लैकमेल का हथियार बनाया गया. 

अतुल ने सुसाइड नोट में जौनपुर की फैमिली कोर्ट का भी जिक्र किया है. उनका कहना था कि कोर्ट में उन्हें घूस देने का दबाव बनाया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोर्ट के एक पेशकार ने 3 लाख रुपये की मांग की थी. 

अतुल सुभाष के इस मामले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या पारिवारिक अदालतें निष्पक्ष न्याय दे रही हैं? साथ ही, वैवाहिक विवादों में पुरुषों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं.

 

 

अतुल सुभाष की आत्महत्या सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की उस गहरी समस्या की ओर इशारा करती है, जहां पारिवारिक झगड़े और अदालतों की खामियाँ किसी की जिंदगी बर्बाद कर सकती हैं. यह समय है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए, ताकि किसी और "अतुल" को इस रास्ते पर जाने की जरूरत न पड़े. न्याय व्यवस्था और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर किसी को इंसाफ मिले और कोई भी व्यक्ति इस हद तक मजबूर न हो. Atul Subhash suicide sheds light on marital discord and court issues. Learn who Atul Subhash was and why his name is in the headlines.


 

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