उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 सितंबर को राज्य सरकार के ग्राम विकास और पंचायती राज विभाग की ओर से बनाई गई सड़कों और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनाओं (PMGSY) के लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित किया.
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इस दौरान सीएम योगी ने कहा, ”PMGSY के अंतर्गत 692 सड़कों, जिनकी कुल लंबाई 1932 किमी है, उनके नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण आज हो रहा है, जिसकी लागत 155 करोड़ रुपये है.”
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत के अध्यक्षगण और जिले के CDO काम की समयबद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करें.
ग्रामीण मार्गों का लोकार्पण-शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश की लगभग 80 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, इन लोगों के लिए आवागमन के लिए अच्छे मार्ग नहीं होंगे तो स्वाभाविक रूप से हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो सकती, इसलिए अच्छी सड़क और कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, ”यूपी सरकार ने 500 की आबादी के सभी राजस्व गांव को कनेक्टिविटी से आच्छादित करने के साथ 250 की आबादी से ऊपर के नक्सल प्रभावित सभी गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने का कार्य समय पर किया है.”
सीएम योगी ने बताया कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने FDR की पद्धति को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जौनपुर और आजमगढ़ जिलों में लागू किया है, अब उसको आगे बढ़ाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ”जिला पंचायत की 537 किलोमीटर सड़कों को हॉट मिक्स प्लांट से बनाया जा रहा है. अब इसके टिकाऊपन पर संदेह नहीं होना चाहिए.”
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश की जिला पंचायतों की ओर से लगभग 14000 किलोमीटर लंबाई की जो सड़कें थीं, उनका लेपन कार्य किया गया, जिला पंचायतों के पास अभी लगभग 2800 करोड़ रुपये मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी कनेक्टिविटी के लिए इस धनराशि का बेहतर उपयोग होना चाहिए, विकास के लिए पैसे की कमी नहीं है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सड़कों की ”खराब हालत” को लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है.
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