लोकसभा चुनाव से पहले होने जा रहे नगरीय निकायों के चुनाव में इस बार बसपा पूरे दमखम के साथ लड़ेगी.. चुनाव की कमान खुद संभालते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने आज यानी 02 अप्रैल को पदाधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई.. बैठक में बसपा प्रमुख चुनाव की जमीनी तैयारियों की समीक्षा करेंगे..
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दरअसल, वर्ष 2007 में अपने दम पर सरकार बनाने वाली बसपा तमाम कारणों से पिछले एक दशक से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। बसपा के खिसकते जनाधार का ही नतीजा है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी जहां शून्य पर सिमट कर रह गई वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में भी बसपा का सिर्फ एक विधायक ही जीतने में कामयाब रहा। अब क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव है इसलिए पार्टी अभी से सक्रियता दिखाते हुए निकाय चुनाव को मजबूती से लड़ने का निर्णय किया है..
निकाय चुनाव को लेकर पार्टी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मायावती खुद आज यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में विशेष बैठक बुलाई है। बैठक में सभी 75 जिले के अध्यक्षों के अलावा मंडल कोआर्डिनेटर और प्रदेश पदाधिकारियों बुलाए गए हैं। चुनाव के मद्देनजर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की जमीनी तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही बसपा प्रमुख पदाधिकारियों को प्रत्याशियों के चयन के संबंध में दिशा-निर्देश देंगी। निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर पार्टी, विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराएगी। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव को पार्टी ने सपा-रालोद के साथ गठबंधन करते लड़ा था। गठबंधन के चलते पार्टी को 10 सीटों पर सफलता मिली थी।
This time the BSP will fight with full vigor in the elections of the urban bodies going to be held before the Lok Sabha elections. Taking command of the elections herself, BSP chief Mayawati called a special meeting of office bearers today i.e. on April 02. Will review ground preparations.
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