समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को भड़काऊ भाषण में रामपुर के एमपी एमएलए मैजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट से 3 वर्ष की सजा सुनाए जाने और फिर रामपुर के ही एमपी एमएलए सेक्शन कोर्ट से बरी किए जाने पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं एक ही जिले मैं निचली अदालत से सजा और फिर सत्र न्यायालय से बरी हो जाना मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है तरह तरह की खबरें हैं कई जगह दावा किया जा रहा है कि एफ आई आर कराने वाले अधिकारी ने अदालत मैं दिए बयान में जिला निर्वाचन अधिकारी के दबाव में f.i.r. करना बताया था तो किसी जगह यह दावा भी किया जा रहा है कि एफआईआर कराने वाले मुद्दई ने केस वापस ले लिया..
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