कानपुर (Kanpur News) में योगी सरकार (Yogi Adityanath) के निर्देशों पर इन दिनों मदरसों का सर्वे (Madrasa Survey) का काम बड़ी तेजी से चल रहा है. मदरसों के सर्वे पर सियासत भी जारी है. अखिलेश यादव से लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने भी यूपी सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े किए हैं. वहीं योगी सरकार के इस फैसले पर आम मुसलमान क्या सोचता है आइए जानते हैं.
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कानपुर के बेकनगंज इलाके में रहने वाले अब्दुल सलाम ने कहा कि सर्वे मुस्लिम समाज को डराने के लिए कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सर्वे आश्रामों के भी होने चाहिए कि इनके पास इतनी अकूत संपत्ति कहां से आती है.
वहीं बेकनगंज इलाके के ही रहने वाले हाजी दिलशाद अहमद कुरैशी ने कहा कि मदरसे वक्फ बोर्ड की होती है और सरकार अगर इसे अपने कब्जे में लेना चाहती है तो ये सरासर गलत है. उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार की मंशा साफ हो जाए तो कोई भ्रमित ही नहीं होगा. बेकनगंज के ही रहने वाले आकिब अली ने कहा कि सर्वे कराना कोई बुरी बात नहीं है पर सरकार को साथ में ये भी बताना चाहिए की ये सर्वे क्यों कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा इस सर्वे का किसी का लेना देना नहीं है बस एक चुनावी स्टंट है. सरकार केलव असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे मुद्दे ला रही है.
बेकनगंज के ही रहने वाले जीशान अली ने मदरसों के सर्वे को लेकर कहा कि ये केवल चुनावी स्टंट है. सरकार की डिवाइड एंड रूल पॉलिसी है. ये मुद्दा इसलिए सामने आ रहा है कि लोग बेरोजगारी, महंगाई जैसे असल मुद्दों को भी भूल जाएं. लोगों को मूलभूत मुद्दों से हटाने के लिए बस ये काम हो रहा है.
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