उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को 7 से 8 दिन तक का अल्टीमेटम दिया है. टिकैत ने 6 अक्टूबर को यूपी से बातचीत में कहा कि सरकार के पास 7 से 8 दिन का समय है, अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होती है तो देशव्यापी आंदोलन होगा.
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इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लखीमपुर खीरी घटना का बताया जा रहा है. इस वीडियो लेकर राकेश टिकैत ने कहा, “फिल्म में ऐसा दृश्य देखा है, लेकिन रियल लाइफ में नहीं देखा है. अभी बहुत वीडियो हैं, जैसे ही इंटरनेट चल जाएगा तो बहुत से वीडियो सामने आएंगे.”
पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से मृतक किसानों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा पर राकेश टिकैत ने कहा कि सभी किसान गरीब परिवार से थे, उनकी मदद होनी चाहिए.
बता दें कि 4 अक्टूबर को किसानों और प्रशासन के बीच कुछ बातों पर सहमति बनने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत और यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान प्रशांत कुमार ने बताया था कि लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45-45 लाख रुपये और एक-एक सरकारी नौकरी देगी, जबकि घायलों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे.
इसके अलावा एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा था कि किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज पूरे मामले की जांच करेंगे.
क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार, 3 अक्टूबर को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि हिंसा की यह घटना तिकुनिया से 4 किलोमीटर दूर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी.
हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को रौंदा. बताया जा रहा है कि यह काफिला केशव प्रसाद मौर्य को रिसीव करने जा रहा था.
हालांकि, आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. उनका दावा है, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.” वहीं, इस मामले में आशीष मिश्रा समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.
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