5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के बैनर तले किसानों की महापंचायत आयोजित की जा रही है. मुजफ्फरनगर के जीआईसी कॉलेज के मैदान में किसानों का जमावड़ा लग गया है. गाजीपुर बॉर्डर से अपने काफिले के साथ बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत इस महापंचायत में शामिल होने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा है, “नवंबर में जब से आंदोलन शुरू हुआ तब से मैं पहली बार मुजफ्फरनगर जा रहा हूं और वो भी गलियारे से जाऊंगा.”
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100 से अधिक विधानसभा सीटों पर असर डालने वाली महापंचायत?
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में पश्चिमी यूपी काफी अहम है. यहां 100 से अधिक विधानसभा सीटें हैं, जिसपर एक सफल किसान आंदोलन असर डाल सकता है. यह सिर्फ किसानों का महापंचायत तक का मसला नहीं है बल्कि पश्चिमी यूपी के जाटलैंड पर प्रभुत्व की लड़ाई भी देखने को मिल सकती है. 2014 के चुनाव से ही जाट लैंड पर बीजेपी भारी है. 2017 और 2019 के चुनावों में भी बीजेपी ने जाट बाहुल्य अधिकतर विधानसभा और लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन किसान आंदोलनों से पनपे माहौल ने इस प्रभुत्व को चुनौती दे दी है.
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