उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में लोकसभा का तो रामपुर और खतौली में विधानसभा का उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान संपन्न हो चुका है. अब सभी की निगाहें 8 दिंसबर को आने वाली चुनावी नतीजों पर हैं. सूबे की राजनीतिक पार्टियों खासतौर पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए ये तीनों सीट प्रतिष्ठा की ऐसी लड़ाई बन गई है, जिन पर सिर्फ उत्तर प्रदेश की ही नहीं बल्कि पूरे देशभर की निगाहें टिकी हैं.
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मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है. मुलायम यहां से 2019 में लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे. मैनपुरी सीट पर मुलायम की बहू डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं, तो बीजेपी ने कभी मुलायम के करीबी रहे रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा है. मैनपुरी में यादव वोट बड़ी संख्या में हैं. जबकि उसके बाद शाक्य वोट हैं. मैनपरी सीट पर लगभग 17 लाख वोटर हैं. इनमें तकरीबन 4.30 लाख वोटर यादव हैं. इसके बाद 2.90 लाख शाक्य वोटर हैं.
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वहीं रामपुर की बात करे तो सपा की ओर से आजम खान के करीबी असीम रजा चुनावी मैदान में उतरे हैं तो वहीं भाजपा ने आकाश सक्सेना को अपना उम्मीदवार बनाया है. मतदान के दौरान आजम खान से भी प्रशासन पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं. बता दें कि विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को शिकस्त देने के बाद बीजेपी के सामने उसके दुर्ग मैनपुरी और आजम खान के गढ़ रामपुर को जीतने का अच्छा मौका है. इसी साल जून में एसपी सांसद आजम खान के इस्तीफे के बाद रामपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए. बीजेपी ने दोनों सीटों पर जबदस्त जीत दर्ज की थी.
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