नोएडा में सुपरटेक के दो गगनचुंबी टावर धराशाई हो गए. तय वक्त, प्लान के मुताबिक 28 अगस्त यानी रविवार दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर में धमाका हुआ और बिल्डिंग जमींदोज हो गई. धूल के गुबार ने आसामान को ढक लिया. आसपास की सोसाइटी उस गुबार में ऐसे समां गईं जैसे किसी हील्स एरिया में बादलों की ओट में ऊंची बिल्डिंग आ जाती है. गुबार पर काबू पाने के लिए स्मोग गन इस्तेमाल किया गया. ये वही गन है जिसे सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण को हटाने के काम में लिया जाता है.
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जनिए कैसे गिरे टावर?
सुबह से इंतजार कर रहे सभी लोगों की नजरें अब ट्विन टावर्स पर थीं, अलार्म बज रहा था.. जैसे-जैसे अलार्म का समय बढ़ रहा था वैसे-वैसे उत्सकुता थी कि जो देश में पहली बार होने जा रहा वो कैसे होगा?.. उसकी आवाज कैसी होगी?.. धूल की चादर कितनी दूर तक जाएगी? ब्लास्ट के बाद यहां कैसा मंजर होगा?.. तभी जोरदार आवाज के साथ ब्लास्ट होता है और सालों में बना ट्विन टावर सेकंड्स में ध्वस्त हो जाता है. देखिए वीडियो में.
ट्विन टावर गिराए जाने से हुआ 500 करोड़ रुपये का नुकसानः सुपरटेक चेयरमैन अरोड़ा
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