वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद इस वक्त खूब चर्चा में है. दरअसल, ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी परिसर में अदालत के आदेश पर शुक्रवार को एडवोकेट कमिश्नर की अगुवाई में एक टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर के कुछ हिस्सों का वीडियोग्राफी-सर्वे किया. वहीं, अब इस मामले में वीडियोग्राफी करने वाले शख्स ने यूपी तक से बातचीत में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है.
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वीडियोग्राफर ने यूपी तक को बताया,
“मस्जिद की दीवार पर हमने दो स्वस्तिक चिह्न देखे हैं. ये स्वस्तिक चिह्न कितने पुराने हैं, ये तो पुरातत्व विभाग डिसाइड करेगा.”
गणेश शर्मा
मुस्लिम पक्ष की ओर से एडवोकेट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाने को लेकर वीडियोग्राफर गणेश शर्मा ने कहा, “जब तक बाहर जांच हो रही थी, तब तक तो कोई दिक्कत नहीं थी. जब बैरिकेडिंग के अंदर जाना हुआ, उसके बाद उनके ऊपर आरोप लगाए गए कि वो निष्पक्ष नहीं हैं. जब तक वो बाहर कर रहे थे, तब तक वो निष्पक्ष थे.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी. सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था.
इसके बाद मिश्रा ने तय तारीख के अनुसार, छह मई को वीडियोग्राफी-सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दिया.
(वीडियोग्राफर्स ने और क्या-क्या कहा, इसे ऊपर शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है.)
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