उत्तर प्रदेश में एक ही दिन दो उच्चाधिकारियों पर हुई कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में खलबली मची हुई है. गुरुवार को पहले सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू के सस्पेंड होने की खबर आई. इसके कुछ ही घंटों के बाद गाजियाबाद के SSP पवन कुमार सस्पेंड कर दिए गए.
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सोनभद्र में सामने आई थीं अवैध खनन और करप्शन की शिकायतें
सोनभद्र डीएम टीके शिबू के खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी. इसके अलावा विधानसभा चुनावों में जिला निर्वाचन अधिकारी रहते हुए लापरवाही की शिकायतें भी थीं. आपको बता दें कि सोनभद्र में पोस्टल पैलट खुली पाए जाने की खबरें वायरल हुई थीं. इसके बाद जिले में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया था.
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने भी ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”सोनभद्र के जिलाधिकारी को खनन में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.” हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया.
उत्तर प्रदेश सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 2012 बैच के आईएएस अधिकारी शिबू को 23 अक्टूबर 2021 को सोनभद्र के जिलाधिकारी के पद पर तैनात किया गया था.
गाजियाबाद SSP के सस्पेंशन के पीछे ये वजह
गाजियाबाद के SSP पवन कुमार लॉ एंड ऑर्डर की बिगड़ती व्यवस्था की वजह से सस्पेंड किए गए हैं. गाजियाबाद में लगातार बढ़ते अपराध और जन शिकायतों की सुनवाई में लापरवाही व भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते पवन कुमार के खिलाफ ये ऐक्शन लिया गया है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों गाजियाबाद में पेट्रोल पंप कर्मी से 25 लाख की लूट का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना भी साधा था. विधानसभा चुनावों में भी लॉ एंड ऑर्डर एक प्रमुख मुद्दे के रूप में सामने आया था.
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