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Swami Prashad Maurya Vs Mayawati: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्मावी प्रसाद मौर्या एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. कभी राम चरित मानस के मुद्दे पर बयानबाजी के बाद अब अब उनके निशाने पर हिंदू मंदिर हैं. दरअसल, इस वक्त उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी में के सर्वे को लेकर राजनाति तेज है. इस पर एक ट्वीट स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी किया. उन्होंने लिखा- आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है।. इसके बाद बीजेपी के नेताओं ने बयान लगभग स्वाभाविक था. इस बीच मायावती ने भी ट्वीट करके स्वामी प्रसाद मौर्या पर जबरदस्त हमला बोला. मायावती ने ट्वीट करके लिखा- समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान। जबकि श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।
ऐसे में जब इस मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए, तो मायावती पर सवाल पूछ लिया गया.
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