UP बोर्ड पेपर लीक: DM को चोर, DIOS को नकलखोर बताने वाले पत्रकार का वीडियो हुआ वायरल

ऊपर शेयर किए गए वीडियो में की शुरुआत में आप जिन्हें देख रहे हैं, वह बलिया के पत्रकार दिग्विजय सिंह बताए जा रहे हैं. इन्हें…

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ऊपर शेयर किए गए वीडियो में की शुरुआत में आप जिन्हें देख रहे हैं, वह बलिया के पत्रकार दिग्विजय सिंह बताए जा रहे हैं. इन्हें 30 मार्च को यूपी बोर्ड 12वीं के अंग्रेजी के पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है. अब सोशल मीडिया पर इनका ये वीडियो तेजी से वायरल है जिसमें वह बार-बार कह रहे हैं कि बुल्डोजर चलाने और नंगा करने वाला डीएम आज खुद इस खबर से नंगा हो गया है. अब सवाल यहां ये उठता है की आखिर जिन पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है, क्या उन्होंने पेपर लीक किया है? ये गिरफ्तार हुए पत्रकार डीएम और DIOS पर इतने गंभीर आरोप क्यों लगा रहे हैं?

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उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 30 मार्च को दूसरी पाली में बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में अंग्रेजी विषय का पेपर था. दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब पता चला कि पेपर लीक हो गया है. परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके परीक्षार्थी और उनके परिजनों के लिए यह खबर हताश-निराश करने वाली थी. शुरुआती जांच में पता चला कि सीरीज 316 ED और 316 EI का पेपर बलिया से लीक हुआ और इस सीरीज के पेपर उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में भेजे गए थे. विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने इन 24 जिलों में परीक्षा को रद्द कर जांच के आदेश दिए.

आराधना शुक्ला से जब सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि पेपर मजबूती से सीलबंद लिफाफे में था, कोई जानकार ही इसको लीक कर सकता है. विभाग की मंत्री गुलाबो देवी ने कहा कि पेपर लीक में जो शामिल होंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी, डीआईओएस बलिया को सस्पेंड कर दिया गया है.

इसी बीच बलिया प्रशासन ने अखबार में छपी इस खबर को देखते हुए कुछ पत्रकारों को हिरासत में लिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर दो पत्रकारों के नाम बड़ी तेजी से वायरल हुए. एक अजीत ओझा और दूसरे दिग्विजय सिंह. दिग्विजय सिंह वही हैं, जिन्हें आप ऊपर शेयर किए गए वीडियो की शुरुआत में देख रहे हैं. दिग्विजय सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें पहले वह नारे लगा रहे हैं. दूसरे वीडियो में वह डीएम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.

इस वीडियो के साथ पोस्ट कर कहा गया कि, ‘इनका गुनाह ये है कि इन्होंने #PaperLeak ख़बर का खुलासा अपने अख़बार में किया था. पुलिस इनके दो और साथी अजीत ओझा,मनोज गुप्ता को भी जेल भेज चुकी है.’ दूसरे ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी से आग्रह किया गया कि पत्रकारों का उत्पीड़न करने वाले बलिया पुलिस प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जांच करवाई जाए.

राजनीतिक दलों के लोग भी पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा करते नजर आए हैं. सपा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव राय लिखते हैं, ‘अपराध के जगह पर पुलिस भी होती है, कभी-कभी पुलिस के सामने भी अपराध होता है तो पुलिस को भी अपराधी माना जाए? अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने का आपका यह निंदनीय कृत्य है.’

कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा है कि ‘पेपर लीक कराने के बाद 1 अप्रैल को “परीक्षा पे चर्चा” को गंभीरता से न लें, यह बच्चों को अप्रैल फूल बनाने का कार्यक्रम है.’

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो पर बलिया पुलिस का कहना है कि दिग्विजय सिंह को अब तक की विवेचना में प्राप्त सबूतों के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इनके एक साथी, जिनका नाम ये ले रहे हैं वह एक विद्यालय में सहायक अध्यापक हैं और उन्होंने वर्तमान माध्यमिक परीक्षा में एक परीक्षा में कक्ष निरीक्षक का काम भी किया है.

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