उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में चुनावी रण में सफलता हासिल करने के लिए सभी पार्टियों ने प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच, हम प्रदेश की अलग-अलग विधानसभा सीटों का सियासी हाल पेश कर रहे हैं. इसी क्रम में आज हम आपको आगरा की फतेहाबाद सीट का सियासी हाल बता रहे हैं. बता दें कि आगरा में आगामी 10 फरवरी को वोटिंग होनी है.
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आगरा में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं, यहां की फतेहाबाद सीट की चर्चा काफी है क्योंकि इस सीट से बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी रूपाली दीक्षित चुनाव लड़ रही हैं. रूपाली दीक्षित समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की है.
अगर बात दूसरे पार्टियों के प्रत्याशियों की करें तो फतेहाबाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के छोटे लाल वर्मा ताल ठोंक रहे हैं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने शैलेंद्र प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने होतम सिंह निषाद को टिकट दिया है.
फतेहाबाद विधानसभा ठाकुर बाहुल्य है. क्षत्रिय और ब्राह्मण बाहुल्य सीट पर बीजेपी हमेशा मजूबत मानी जाती रही है, लेकिन यह सीट बीजेपी के लिए फंसी मानी जा रही है.
दरअसल, आरोप है कि बीजेपी प्रत्याशी छोटे लाल वर्मा ने पिछले दिनों ब्राह्मण और क्षत्रिय विरोधी टिप्पणी की थी. यह भी आरोप है कि वर्मा ने अशोक दीक्षित के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद से ब्राह्मण और क्षत्रिय समुदाय छोटे लाल वर्मा से नाराज बताया जा रहा है.
माना जा रहा है कि क्षत्रिय समुदाय का बड़ा हिस्सा जहां बीएसपी प्रत्याशी के समर्थन में जा सकता है, वहीं जातिगत लामबंदी में ब्राह्मण वोटर एसपी प्रत्याशी रूपाली दीक्षित को समर्थन दे सकता है. ब्राह्मणों के साथ गुर्जर, कुशवाहा समेत कुछ अन्य जातियां भी रूपाली को समर्थन दे सकती हैं.
फतेहाबाद विधानसभा का जातीय समीकरण
क्षत्रिय- 70, 000
ब्राह्मण- 45, 000
निषाद (मल्लाह)- 35, 000
जाटव- 35, 000
इन चारों जातियों का वोट ही आगामी चुनाव में फतेहाबाद सीट पर निर्णायक भूमिका निभाएगा. ये देखना दिलचस्प रहेगा कि इस बार फतेहाबाद की बाजी किसके हाथ लगती है.
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