मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने हिजाब विवाद को लेकर यूपी तक से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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उन्होंने कहा, “कर्नाटक में हिजाब का मसला है, मुझे लगता है यह बेवजह की जिद है. जैसे कैरम बोर्ड में डबल और ट्रिपल शॉट कहा जाता है, जिसमें एक गोटी इधर, दूसरी गोटी उधर…लेकिन निगाहें लाल गोटी पर होती हैं, उसी तरह से ये उत्तर प्रदेश में और चार-पांच जगहों पर हो रहे इलेक्शन को डिस्टर्ब करने के लिए हो रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “दूसरी बात यह है, हमारी केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि यह उसका काम है क्योंकि जो पहनावा है वह अलग-अलग होता है. कल को आप कह देंगे कि जो पंजाब की बेटियां हैं, जो दुपट्टा लेती हैं वह ना लें…ऐसे नहीं चल सकता है.”
एक जज फातिमा का जिक्र करते हुए राणा ने कहा, “उन्होंने कहा था कि यह हमारा लिबास नहीं है, यह हमारी शर्म है, जिसे हम पहनते हैं. इसमें हिंदू-मुसलमान की बात नहीं है. बहुत सी लड़कियां अपना मुंह छुपा लेती हैं, दुपट्टा झुकाये रहती हैं.”
उन्होंने कहा, “जब हम किसी हिंदू के घर जाते हैं और ये देखते हैं कि अगर उनके यहां जेठ आ गए तो बूढ़ी-बूढ़ी औरतें इतना बड़ा घूंघट कर लेती हैं. हिजाब, शर्म, लिहाज, पर्दा…ये इस मुल्क की पहचान है, इस मुल्क की मिट्टी है, इस मुल्क का संस्कार है.”
राणा ने कहा कि यहां लड़कियां निर्वस्त्र होकर नहीं घूमती हैं और कोई घूमे तो लोग पसंद नहीं करते हैं.
(मुनव्वर राणा का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए ऊपर क्लिक करें)
हिजाब विवाद: जानिए मुजफ्फरनगर की मुस्लिम महिलाओं ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
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