उत्तर प्रदेश में 7 फेज वाले मौजूदा विधानसभा चुनाव के 6 फेज की वोटिंग हो चुकी है. वहीं, सियासी गलियारों से लेकर आम जनता के मन तक में यही सवाल है कि आखिर यूपी की सत्ता किसके हाथ लगेगी? इस बीच यूपी तक ने जमीनी हकीकत टटोलने के लिए पत्रकार हिमांशु मिश्रा, ऐश्वर्या पालीवाल और समर्थ श्रीवास्तव से खास बातचीत की है. इस चर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार कुमार अभिषेक ने किया है.
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‘आपने क्या देखा हिमांशु, मूड क्या है?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा, “जैसा बिहार में था न माहौल टाइट, वैसा ही यहां टाइट है. इस चुनाव में कास्ट और धर्म के आधार पर वोटिंग पैटर्न, लामबंद हो गया है.’
ऐश्वर्या पालीवाल ने कहा, “लोगों ने मायावती और बीएसपी को एक दम साइडलाइन कर दिया है, ऐसा नहीं है. मायावती का जो वोटर है वो उनके साथ है. मायावती 20-22 सीटों की बहुत बड़ी दावेदार हैं, अगर ऐसा होता है तो जो किंगमेकर की पोजीशन है, वो मायावती को मिल सकती है 10 मार्च को.”
समर्थ श्रीवास्तव ने कहा, “हिंदुत्व और राष्ट्रवाद मुझे लगता है, अभी भी एक वोट है. हालांकि…कुछ लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है, उनके लिए सिक्योरिटी और सर्जिकल स्ट्राइक अभी भी प्रदेश में मुद्दा है. मगर इस बार जो छोटी जातियां बंटी हैं, वो खेल खराब कर सकती हैं.” समर्थ श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें लगता है कि प्रदेश के 40 फीसदी लोग बदलाव चाहते हैं.
हिमांशु मिश्रा ने कहा कि इस चुनाव में अभी भी मोदी-योगी का फैक्टर है, अगर ये फैक्टर न होता तो बीजेपी को दिक्कत हो जाती. उन्होंने कहा कि मुसलमान पिछले चुनावों में बंटा हुआ था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है.
वहीं, ऐश्वर्या पालीवाल ने कहा कि इस चुनाव में एसपी चीफ अखिलेश यादव की ओर से उठाए गए मुद्दे भारी पड़ सकते हैं, क्योंकि वो जमीनी मुद्दे हैं.
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UP चुनाव: अंतिम चरण में होगी बीजेपी की ‘बुल्डोजर नीति’ की अग्निपरीक्षा, मिलेगा इसका फायदा?
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