रोजगार का मुद्दा अब बहुत आम हो गया है. लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन और फिर लाठीचार्ज भी बहुत आम हो गया है. छोटे-छोटे बच्चों से भी अगर पूछ लिया जाए कि बताओ बेटा प्रदेश का युवा कहां हैं तो वो भी कह देंगे- लखनऊ में धरने पर.
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विपक्षी पार्टियों को इसी बहाने बोलने का मौका मिल जाता है कि योगी आदित्यनाथ अपनी कोठी से निकलो और बेरोजगार युवाओं की वेदना को सुनो क्योंकि यही युवा आपके अहंकार को चूर-चूर करेगा.
राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री के आवास के सामने विरोध की आवाजें उठ रही हैं. वैसे ये तो आपको बताने की जरूरत नहीं है कि अभ्यार्थी शिक्षक भर्ती में 22000 सीटों को जोड़ने की मांग को लेकर अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
पिछले 21 जून से कथित योग्य अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. समय-समय पर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन उग्र होता रहता है… क्या करें… सरकार कोई जवाब या समाधान निकालने को तैयार नहीं है.
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