वाराणसी: कोहनी और घुटने के बल रेंगते हुए कांग्रेस के पार्षदों ने इस बात का जताया विरोध

रोशन जायसवाल

• 10:52 AM • 23 Nov 2022

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तिथियों की भले ही अभी घोषणा ना हुई हो, लेकिन अभी से सियासत तेज हो गई है. सियासी सरगर्मियों…

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उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तिथियों की भले ही अभी घोषणा ना हुई हो, लेकिन अभी से सियासत तेज हो गई है. सियासी सरगर्मियों के बीच विपक्ष के पार्षद अधिकारियों और सत्तापक्ष को घेरने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं. इसकी बानगी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नगर निगम के मुख्यालय पर उस वक्त देखने को मिली जब कांग्रेसी पार्षदों ने नगर आयुक्त के दफ्तर के बाहर अनोखे ढंग से घुटने और कोहनी के बल रेंगकर अपना विरोध दर्ज कराया.

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पार्षदों की मांग थी कि इस वर्ष शासन की तरफ से क्षेत्र में विकास के लिए आवंटित 10-10 लाख रुपयों से अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है .जिसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है. अगर वक्त रहते काम शुरू नहीं हुआ तो बजट में पास पैसा वापस शासन में चला जाएगा.

जिन चुने हुए जनप्रतिनिधियों को जनता अपना नुमाइंदा बनाकर सदन भेजती है अगर वही अपने घुटने और कोहनी के बल पर रेंगने लगेंगे तो जनता की आवाज ऊपर कैसे पहुंचेगी? लेकिन यह सब कुछ मंगलवार को उस वक्त चरितार्थ होता दिखा जब वाराणसी के सिगरा इलाके में स्थित नगर निगम के मुख्यालय पर कांग्रेस दल के लगभग एक दर्जन पार्षद अपने घुटने और कोहनी के बल पर नगर आयुक्त के कार्यालय के बाहर गैलरी में रेंगते हुए नजर आए.

पार्षदों ने अपने हाथों में ज्ञापन भी ले रखा था और लगातार नारेबाजी भी कर रहे थे. प्रदर्शनकारी पार्षदों ने बताया कि पैदल चलते-चलते उनके पैरों के चप्पल घिस गए हैं, इसलिए उन्हें घुटने और कोहनी के बल चलना पड़ा है, क्योंकि इस वर्ष अप्रैल माह में बजट का 10-10 लाख रूपया क्षेत्र में विकास के लिए पार्षदों का पास हो जाने के बाद भी अभी तक विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है और उसका टेंडर तक नहीं कराया गया है.

पार्षदों ने बताया कि उनको डर सता रहा है कि शासन की तरफ से बजट के मिले 10-10 लाख रुपये से अगर विकास कार्य नहीं हो पाएगा तो चुनाव आचार संहिता लगते ही आवंटित पैसा शासन में वापस चला जाएगा. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के मुस्लिम पार्षदों ने भेदभाव का भी आरोप लगाया.

प्रदर्शनकारी पार्षदों का आरोप था कि वाराणसी के वरुणापार और भेलूपुर जोन को छोड़कर बाकी सभी जोन में टेंडर के लिए फाइल रोकी गई है, जिसमें आदमपुर, कोतवाली और दशाश्वमेध जोन के लगभग 60 वार्ड में टेंडर का काम रोका गया है.

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