उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है. बीते शुक्रवार को बढ़ी फीस के विरोध में छात्र कुलपति से मिलने पहुंचे थे, लेकिन जब वह नहीं मिल पाए तो बाहर छात्र प्रदर्शन करने लगे. शनिवार को भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा.
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छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुगलकी फरमान जारी किया है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हर तरीके की चीजों पर फीस वृद्धि की गई है, जिसको विश्वविद्यालय प्रशासन को वापस लेना ही होगा.
बता दें कि विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एबीवीपी का प्रदर्शन NSUI, भगत सिंह छात्र मोर्चा जैसे छात्र संगठनों के बाद शुरू हुआ. छात्रों ने फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग की है. छात्रों ने हाथों में पोस्टर लेकर जमकर नारेबाजी की.
वहीं बीएचयू एबीवीपी के अध्यक्ष अभय सिंह ने बताया,
“विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बेतहाशा फीस वृद्धि की गई है, जिसको लेकर पिछले कई दिनों से हम आंदोलन कर रहे हैं और हमारी बात नहीं सुनी जा रही है. आज हम अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं. हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय द्वारा जो भी फीस वृद्धि की गई है, उसको वापस लिया जाए. यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन फीस वृद्धि का फैसला वापस नहीं लेता.”
अभय सिंह
बीएचयू एबीवीपी के इकाई मंत्री पुनीत मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय में हर चीजों की फीस बढ़ी हुई है. पूरी तरह से बाजारीकरण का माहौल है, जिसको लेकर हम अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन और पीआरओ दोनों बौखलाए हुए हैं. विश्वविद्यालय के प्रेस रिलीज में उनके सभी जवाबों पर प्रश्न चिन्ह है. हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय में जिस प्रकार की भी फीस बढ़ी है, उसे खत्म किया जाए.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
Varanasi Tak: जब मुलायम सिंह यादव को किडनी देने मेदांता पहुंच गया बीएचयू का छात्र
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