ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि सच्चाई का पता लगाते लगाते खुद खबरनवीस खबर का हिस्सा हो जाए, लेकिन वाराणसी तक की टीम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ जब वे उस सड़क के खतरों को भांपने और उसी दिक्कत से दो-चार होने के लिए गड्ढों वाले खराब सड़क पर उतर पड़े.
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वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन-मालगोदाम रोड पर पिछले कुछ दिनों बारिश के चलते सारे गड्ढे जलमग्न हो गए हैं. जहां रोजाना 4-5 दुर्घटनाएं हो रही हैं. कभी मोटरसाइकिल तो कभी ई-रिक्शा पलट रहा है. इतना ही नहीं कभी किसी के सिर में तो कभी किसी के हाथ-पैर में चोट आ रही है. कइयों के तो हाथ-पांव भी फैक्चर हो चुके हैं.
वाराणसी के नदेसर वार्ड के अंतर्गत आने वाली इस दुर्घटनाग्रस्त सड़क के कई हादसे CCTV में भी कैद हुए. और तो और इलाके के लोग पिछले 4 वर्षों से पत्राचार भी संबंधित विभाग कर रहे हैं, लेकिन कभी रेलवे, तो कभी नगर निगम तो कभी PWD एक दूसरे पर ठिकरा फोड़कर अपनी जिम्मेदारी से बचते रहते हैं.
जनप्रतिनिधि भी आई-गई बात कहकर टाल देते हैं. इस बार पूर्वांचल में हुई कम हुई बारिश से सबसे ज्यादा खुश अधिकारी ही हुए होंगे, क्योंकि कईयों की कलई खुलते खुलते रह गई. लेकिन अभी कुछ दिनों की बारिश ने ही लोगों का जीना दूभर कर दिया है. ऐसा ही हाल वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन-मालगोदाम सड़क का भी है. लगभग चार वर्षों पहले कैंट-मालगोदाम सड़क को नजदीक हुए फ्लाईओवर हादसे के चलते आनन-फानन में बना तो दिया गया, लेकिन सीवर और बारिश के पानी के पास होने के लिए मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई.
इसकी सच्चाई और दिक्कतों को भांपने के लिए तक की टीम भी एक ई-रिक्शा पर सवार हुई तो वह ई-रिक्शा भी लगभग-लगभग गिर ही गया. खुशकिस्मती से कोई चोटिल नहीं हुआ. फिर तो काशी के क्योटो और सीएम के गड्ढामुक्त यूपी की स्थानीय लोगों ने खुद धज्जी उड़ाई और अपनी भड़ास निकाली.
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