उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 नवंबर को बेसिक शिक्षा परिषद (क्लास 1-8 तक) के स्कूलों में पढ़ने वाले 1 करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए 1100-1100 रुपये ट्रांसफर करने की योजना की शुरुआत की. यूपी सरकार के मुताबिक, 1100 रुपये की यह राशि बच्चों की स्कूल ड्रेस, स्वेटर, बैग और जूता-मोजा आदि खरीदने के लिए उपलब्ध कराई जा रही है.
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आगामी यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले शुरू हुई इस योजना को जहां सत्ता पक्ष एक जरूरी कदम बता रहा है, वहीं इसे लेकर काफी सवाल भी उठ रहे हैं. सवाल उठने की मुख्य वजह है योजना के तहत दी जाने वाली 1100 रुपये की राशि, जिसे पर्याप्त राशि से काफी कम बताया जा रहा है. ऐसे में जान लेते हैं कि इस योजना पर आम जनता का क्या कहना है, विपक्ष और सरकार के क्या दावे हैं.
जनता का क्या कहना है?
जब यूपी तक की टीम ने आगरा में बच्चों के अभिभावकों से बात की तो उनमें से कई ने कहा कि 1100 रुपये की रकम बेहद कम है. अभिभावकों का कहना है कि पहले की व्यवस्था बेहतर थी, अब सरकार ने उनका खर्चा बढ़ा दिया है. उनके मुताबिक, अब उन्हें घर से रकम लगानी पड़ेगी. यहां अभिभावक ही नहीं निजी ड्रेस विक्रेता भी कह रहे हैं कि 1100 रुपये में पैंट-शर्ट, जूते-मोजे, स्वेटर और स्कूल बैग आदि आना काफी मुश्किल है.
जब हमने लखनऊ में लोगों से बात की तो ये प्रतिक्रियाएं मिलीं:
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”1100 रुपये में कौन सी किट मिलेगी, इतनी महंगाई में किट कैसे आएगी?”
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”1100 रुपये एक जोड़ी ड्रेस मिलती है बच्चों की.”
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”जनता को चीजें फुटकर में मिलेंगी, सरकार को थोक के रेट में मिलती हैं”
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”पारदर्शिता रहेगी, लेकिन राशि कम है”
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”योजना ठीक है, सरकार को यह भी देखना होगा कि इस पैसे का दुरुपयोग न हो.”
वहीं अलीगढ़ में ज्यादातर बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि सरकार स्कूलों से बच्चों को ये सब सामान मुहैया कराए क्योंकि इतने कम रुपयों में ये सब खरीद पाना मुश्किल है, महंगाई बहुत है और 1100 रुपये की राशि कम है.
विपक्ष हुआ सरकार पर हमलावर
इस योजना को लेकर, आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने 9 नवंबर को योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, ”आदित्यनाथ जी की सरकार चुनाव के कारण ऐसी योजनाएं लेकर आ रही है, जो उत्तर प्रदेश में एक से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. ठंड के महीने की शुरुआत हो चुकी है. आने वाले दिनों में उन बच्चों के पास कड़कती ठंड में ठिठुरने और बीमार होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा.”
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी ने कहा,
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”आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश के अंदर पहली बार 5 साल में यह तय किया, जब हम लोगों ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय का भ्रष्टाचार उजागर किया कि स्वेटर, जूता खरीदने में सरकार कैसे घोटाला करती है. 9 करोड़ रुपये कोरोना के समय बंद विद्यालय से बच्चियों के खाने के नाम पर, स्टेशनरी के नाम पर लिए गए.”
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”हमारे भ्रष्टाचार को उजागर करने के बाद उन्होंने यह फैसला किया कि अब 11 सौ रुपये सीधे परिजनों के खाते में भेजेंगे. सरकार के हिसाब से परिजन द्वारा 1100 रुपये में जूता, मोजा, ड्रेस, बस्ता सब खरीदा जा सकता है. इसमें दो ड्रेस, एक जूता, एक स्वेटर, दो मोजे और एक बैग प्रत्येक बच्चे के लिए परिजन को खरीदना है.’‘
संजय सिंह ने कहा, ”आज मैं बाजार गया और बच्चों के लिए स्कूल बैग, स्वेटर, जूता-मोजा, शर्ट और पैंट खरीद कर आया हूं. जिसमें से बहुत ही सामान्य किस्म की शर्ट का दाम 358 रुपये है, 398 रुपये की पैंट है. इसके हिसाब से अगर दो सेट देखा जाए तो उसके लिए 1512 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. एक सामान्य स्वेटर की कीमत 428 रुपये है. इसके अलावा एक जोड़ी जूते की कीमत 250 रुपये है और मोजे के एक जोड़े की कीमत 48 रुपये है. एक बैग की कीमत 350 रुपये है. इन सबको जोड़ने के बाद पूरी कीमत 2636 रुपये आ रही है.”
इसके अलावा उन्होंने कहा, ”मैं आदित्यनाथ जी और उनके मंत्री जी से कहना चाहता हूं कि यह ड्रामा बंद करिए. मैंने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है और 1100 रुपये का चेक मैं बेसिक शिक्षा मंत्री को भेजकर कहना चाहता हूं कि आप इतने पैसे में दो ड्रेस, एक जूता, एक मोजा, एक बैग, एक स्वेटर खरीद कर हमें भेज दीजिए या हर जिले में वह दुकान बता दीजिए जहां से बच्चों के अभिभावक ये सारी चीजें खरीद सकें.”
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, ”यह सरकार गरीबों को लूटने का काम करती है और अब बच्चों के लिए 1100 रुपये सीधे खाते में भेजकर उनके अभिभावकों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है.”
बीएसपी प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आ रहा है, भारतीय जनता पार्टी ने अपने लुभावने वादों के तहत लोगों को ठगने का काम फिर से शुरू कर दिया है.
वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सरकार ड्रामा कर रही है, यह वोट खींचने का और धोखा देने का एक तरीका है.
सरकार का क्या कहना है?
यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के मुताबिक, यह योजना बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे 1 करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं- 2 जोड़ी यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग आदि – के बदले उनके अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 1100 रुपये (प्रति छात्र-छात्रा) ट्रांसफर किए जाने की है. उन्होंने कहा कि इससे पहले इसी रेट पर टेंडर होता था.
उन्होंने कहा,
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”अब बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों के साइज के अनुसार, अपनी पसंद के अनुसार, विभाग द्वारा निर्धारित मानक और व्यवस्था के अनुरूप बच्चों के लिए यूनिफॉर्म आदि समय से खरीद सकेंगे.”
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”जो शिकायतें कभी-कभार होती रहती थीं, साइज को लेकर, गुणवत्ता को लेकर या समय से आपूर्ति न होने को लेकर, वो शिकायतें भी अब समाप्त होंगी.”
मंत्री ने बताया कि किताबें अभी सरकार ही दे रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा, ”बहुत से अभिभावक ऐसे होंगे, जिनके बच्चे 2 हजार का जूता पहनते होंगे तो इसका कोई अंत नहीं है कि पैसा कम है.”
विपक्ष को लेकर उन्होंने कहा कि उसे हर चीज चुनावी स्टंट लगती है तो इसमें क्या किया जाए. मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के बहुत फायदे हैं, कोई दुरुपयोग नहीं होता है, यह रिसर्च है कि जब भी सीधा पैसा दिया जाता है तो ज्यादा बेनिफिट होता है.
(लखनऊ से आशीष श्रीवास्तव, आगरा से अरविंद शर्मा और अलीगढ़ से अकरम खान के इनपुट्स सहित)
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