अवैध धर्मांतरण के मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस ने ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है. यूपी एटीएस ने कलीम सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार किया है. वह जमीयत-ए-वलीउल्लाह के भी अध्यक्ष हैं. जानकारी के मुताबिक, कलीम सिद्दीकी का लिंक मुफ्ती काजी और उमर गौतम से भी है. बता दें कि इसी मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं क आड़ में अवैध धर्मांतरण के कार्य देशव्यापी स्तर पर करते थे. इसके लिए उन्हें विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग की जा रही थी.
यूपी एटीएस का दावा है कि कलीम सिद्दीकी भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट संचालित करते थे. वह गैर मुस्लिमों को गुमराह कर अवैध धर्मांतरण कराते थे. वह अपना ट्रस्ट चलाने के अलावा तमाम मदरसों को फंडिंग भी करते थे, जिसके लिए उन्हें विदेशों से भारी धनराशि हवाला व अन्य अवैध माध्यम से भेजी जाती थी.
मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह मदरसों की आड़ में पैगामे इंसानियत के संदेश देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच और भय दिखाकर इस्लाम स्वीकारने के लिए प्रेरित करते थे और बाद में इन लोगों को प्रशिक्षित कर अन्य लोगों को धर्मांतरण कराने का प्रयास करते थे.
यूपी एटीएस का आरोप है कि जिन संगठनों ने उमर गौतम से संबंधित ट्रस्ट “अल-हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन” को फंडिंग की थी, उन्हीं स्त्रोतों से मौलाना कलीम के ट्रस्ट को भी अनियमित रूप से भारी मात्रा में फंडिंग की गई है. अभी तक की जांच में आरोपी मौलाना के ट्रस्ट के खाते में 1.5 करोड़ रुपये एक मुश्त बहरीन देश से आए और लगभग 3 करोड़ रुपये की कुल फंडिंग के प्रमाण मिले हैं.
यूपी एटीएस का दावा है कि उमर गौतम और उसके साथियों को ब्रिटेन आधारित संस्था ‘अल-फला ट्रस्ट’ से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी. जिसके खर्च का ब्यौरा आरोपियों द्वारा नहीं दिया जा सका.
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