कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में गोरखपुर पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है. इसी कड़ी में घटना में दर्ज हुई FIR और उसमें पुलिस वालों की नामजदगी भी एक ऐसा विवाद है, जिसे लेकर पुलिस की नियत पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
ADVERTISEMENT
दरअसल यह सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हुई मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के दस्तखत की एसएसपी गोरखपुर को लिखी गई तहरीर से खड़ा हुआ. तहरीर में इंस्पेक्टर रामगढ़ ताल जगत नारायण सिंह के साथ सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश यादव और कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार का नाम भी लिखा था. लेकिन इस मामले में 29 सितंबर रात 1:23 पर दर्ज हुई FIR 391/ 21 में एसएचओ जगत नारायण सिंह, उपनिरीक्षक अक्षय मिश्रा और विजय यादव समेत तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों का जिक्र है.
मीनाक्षी की तहरीर और पुलिस की दर्ज एफआईआर में नामजदगी पर भिन्नता मिली, तो सवाल खड़े हो गए हैं. आरोप लगाया जा रहा है कि तीन पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए अज्ञात में नाम डाल दिया गया है.
‘दो ने पकड़े पांव, दो ने हाथ, 4 लोग मनीष को उठा कर लाए’, होटल मालिक ने CCTV में क्या देखा?
क्या है गोरखपुर एसएसपी का दावा?
यूपी तक ने इस पर एसएसपी गोरखपुर विपिन टाडा से सवाल किया. एसएसपी ने दावा किया इस मामले में दर्ज एफआईआर अक्षरश: वही है, जो मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने पुलिस को दी है. मीनाक्षी गुप्ता ने जिन 3 पुलिस वालों के नाम बताए उनको नामजद किया गया है, तीन अन्य को अज्ञात लिखा गया है. उन्होंने बताया कि अब अगर मीनाक्षी गुप्ता को अज्ञात में जिन तीन पुलिसकर्मियों की जानकारी मिलती है और वो पुलिस को नाम बताती हैं तो वे नाम भी केस में जोड़ दिए जाएंगे.
मनीष डेथ केस: अखिलेश का हमला, ‘गोरखपुर के पुलिस कप्तान BJP के रिश्तेदार, इसलिए ऐक्शन नहीं’
होटल गई पूरी टीम को किया सस्पेंड: गोरखपुर एसएसपी ने बताया कि जैसे ही 28 सितंबर की सुबह उनको इस पूरी घटना की जानकारी मिली, तो होटल कृष्णा पैलेस गई पूरी पुलिस टीम को सस्पेंड कर दिया गया. मीनाक्षी गुप्ता की तरफ से तहरीर 28 सितंबर की देर रात में दी गई. एसएसपी के मुताबिक होटल गई पुलिस पार्टी को एफआईआर दर्ज होने से पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था. फिलहाल आरोपी पुलिसवाले पकड़ से बाहर हैं.
मनीष गुप्ता केस में CBI जांच की सिफारिश
कानपुर के कारोबारी की संदिग्ध मौत के मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है. यूपी सरकार के गृह विभाग ने बताया है कि जब तक सीबीआई प्रकरण को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू करती है, तब तक मामले की जांच गोरखपुर से स्थानांतरित कर कानपुर में विशेष रूप से गठित एसआईटी के द्वारा की जाएगी.
ADVERTISEMENT