लखीमपुर केस: कौन हैं जांच की निगरानी के लिए नियुक्त RK जैन, SIT के 3 नए चेहरे

संजय शर्मा

• 12:55 PM • 17 Nov 2021

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को जांच की निगरानी के लिए…

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया है.

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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन किया है. एसआईटी में इन 3 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है- एसबी शिरोडकर, प्रीतिंदर सिंह और पद्मजा चौहान. ये उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जो मूल रूप से इस राज्य के नहीं हैं.

आइए लखीमपुर मामले की जांच से जुड़े इन नए चेहरों के बारे में कुछ बातें जान लेते हैं-

राकेश कुमार जैन

राकेश कुमार जैन हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं. उनका जन्म एक अक्टूबर, 1958 को हुआ था. हिसार के जाने माने इनकम टैक्स एडवोकेट और विधायक रहे गुलाब सिंह जैन के बेटे के रूप में जन्मे राकेश जैन के जस्टिस राकेश कुमार जैन बनने की यात्रा में साल 1982 काफी अहम रहा.

एलएलबी करने के बाद साल 1982 से राकेश जैन ने हिसार और चंडीगढ़ की जिला अदालत में वकालत शुरू की. यहां काम करते हुए वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे. सिविल, क्रिमिनल और रेवेन्यू मामलों के विशेषज्ञ के रूप में 25 साल प्रैक्टिस करने के बाद दिसंबर 2007 में उनको पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया गया. 30 सितंबर, 2020 को राकेश कुमार जैन रिटायर हो गए.

पद्मजा चौहान

मूल रूप से हैदराबाद की रहने वाली पद्मजा चौहान 1998 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. साल 1973 में जन्मी पद्मजा चौहान ने अंग्रेजी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.

पद्मजा चौहान मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में आईजी पीएसआर और पीबी के तौर पर लखनऊ में तैनात हैं. विभिन्न जिलों में एसपी सहित अन्य उच्च पदों पर सेवा देने के बाद अभी पुलिस महानिरीक्षक हैं.

एसबी शिरोडकर

1993 बैच के आईपीएस अधिकारी एस. बी. शिरोडकर अभी अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना यानी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. उनका जन्म 20 दिसंबर, 1968 को हुआ. वह मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. 6 सितंबर, 1993 से आईपीएस के रूप में सेवा दे रहे हैं.

बुलंदशहर में तीन साल पहले हुई मॉब लिंचिंग की जांच और व्यवस्था बनाए रखने में नाकामी के आरोप में शिराडकर का तबादला किया गया था.

प्रितिंदर सिंह

आईपीएस अधिकारी प्रितिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं. वह उत्तर प्रदेश कैडर के वर्ष 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इस समय वह पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) सहारनपुर पद पर तैनात हैं.

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