राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बुधवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश के ललितपुर में नाबालिग से तीन दिनों में चार पुरुषों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न और पीड़िता से दोबारा थाना प्रभारी द्वारा दुष्कर्म के मामले की जांच के लिए एक दल तैनात करेगा. आरोपियों ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता को थाने में छोड़ दिया था.
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घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”मैंने राज्य बाल आयोग संरक्षण के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा के साथ चर्चा करने के बाद एक संयुक्त दल तैयार किया है, जो बृहस्पतिवार को ललितपुर का दौरा करेगा और पीड़िता और उनके परिवार से मिलकर तथ्य एकत्र करेगा.”
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज को गिरफ्तार कर लिया. अब तक, पुलिस ने उक्त मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। यह चौंकाने वाली जानकारी तब सामने आई जब पीड़िता ने एक सामाजिक संस्था को अपनी आपबीती सुनाई, जिसने पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया.
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मां के अनुसार, उनकी बेटी को 22 अप्रैल को चार लोगों द्वारा भोपाल ले जाया गया और वहां तीन दिनों तक उससे बलात्कार किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने नाबालिग को पाली पुलिस थाने में छोड़ दिया, जहां उसका फिर से यौन उत्पीड़न किया गया.
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