Noida News: हवाला कारोबार के मामले में आयकर विभाग और पुलिस की कार्रवाई में लखनऊ से मामले के सरगना और दिल्ली से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि निगमित (कॉरपोरेट) सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) कोष में फर्जीवाड़ा कर करोड़ो रुपये के काले धन को सफेद करने के मामले में गिरफ्तार आठ हवाला कारोबारियों से पूछताछ के आधार पर आयकर विभाग ने लखनऊ में रह रहे इस गिरोह के सरगना आदर्श श्रीवास्तव को शुक्रवार शाम को पकड़ लिया.
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पुलिस के मुताबिक श्रीवास्तव अपने घर में बाहर से ताला बंद करके घर के अंदर छुपा हुआ था. शक होने पर अधिकारियों ने पुलिस को बुलाया तथा उसे धर दबोचा. उससे लखनऊ में गहनता से पूछताछ की जा रही है.
आयकर अधिकारियों के उसे लेकर शनिवार को नोएडा पहुंचने की संभावना हैं. वहीं, गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर आयकर विभाग के अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ठिकाने पर छापा मारकर 96 लाख रुपये बरामद किए. मौके से तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि बृहस्पतिवार की रात सेक्टर 55 से जिन आठ आरोपियों को करीब दो करोड़ रुपये के साथ पकड़ा गया था, उससे पूछताछ और मिली जानकारी के आधार पर आयकर विभाग एवं पुलिस की टीम ने शुक्रवार को पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके के एक दफ्तर में दबिश दी और वहां से 96 लाख रुपये बरामद किए.
वहीं, दिल्ली में मौके से हिरासत में लिए गए तीन लोगों से आयकर विभाग गहनता से पूछताछ कर रही है. उन्होंने बताया कि इसी क्रम में आयकर विभाग की 10 सदस्यी टीम शुक्रवार को लखनऊ के इंदिरा नगर पहुंची. जिस पते पर टीम पहुंची वहां दरवाजे पर ताला बंद मिला. शक होने पर पुलिस की मदद से जांच टीम घर के अंदर पहुंची. वहां इस मामले का सरगना आदर्श श्रीवास्तव छिपा था.
अपर उपायुक्त ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि दो करोड़ रुपये की रकम सूरत से दिल्ली लाई गई थी. आरोपी दिल्ली से नकदी लेकर नोएडा आए थे, पैसे लेने वाला शख्स भी नोएडा में आरोपियों से मिलने वाला था.
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि इस गिरोह का दफ्तर पुरानी दिल्ली में कपड़ा बाजार में है. वहीं, कोलकाता में हवाला कारोबारियों के एक बड़े समूह से भी इनका गहरा जुड़ाव है. नोएडा पुलिस की टीम अब अलग-अलग शहरों में इस मामले की छानबीन करेगी. उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की रात को गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों में एक महिला भी थी. महिला ने कहा कि वह एक आरोपी की मित्र है और उसका इस समूह के साथ कोई संबंध नहीं है. हालांकि, पुलिस महिला की गतिविधियों पर नजर रख रही है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी सीएसआर कोष को अपनी फर्जी (मुखैटा) कंपनियों में डालकर 33 फ़ीसदी कमीशन पर हवाला के जरिए उसे नकदी में बदल देते थे. पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि यह गिरोह कमीशन लेकर काले धन को सफेद करने का काम करता था. उन्होंने बताया कि इस मामले मैं आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) की टीम भी जांच कर रही है. एटीएस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि रकम का इस्तेमाल कहीं आतंकवादी गतिविधियों में तो नहीं किया जाना था.
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