महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत: क्या CCTV से खुलेगा राज? जानें FIR में क्या लिखा है

अरविंद ओझा

• 08:03 AM • 21 Sep 2021

प्रयागराज स्थित मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने कमरे में मृत पाए गए. पुलिस प्रथम दृष्टया इस मामले को खुदकुशी मान…

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प्रयागराज स्थित मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने कमरे में मृत पाए गए. पुलिस प्रथम दृष्टया इस मामले को खुदकुशी मान आगे की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि उसे मौके पर एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है. इस सुसाइड नोट में मंहत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि समेत अन्य लोगों का जिक्र बताया जा रहा है.

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जिस रूम में मिली लाश उसके बाहर सीसीटीवी कैमरा!

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच को आगे बढ़ा रही है. बाघंबरी मठ के जिस कमरे में नरेंद्र गिरि की लाश मिली थी, उस कमरे के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. पुलिस इस सीसीटीवी के फुटेज की भी जांच कर रही है.

FIR में क्या लिखा है? नरेद्र गिरि संदिग्ध मौत मामले में प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में FIR दर्ज कराई गई है. यह FIR अमन गिरि पवन महाराज ने दर्ज कराई है. इस FIR में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को नामजद किया गया है. दर्ज शिकायत में बताया गया है कि 20 सितंबर को नरेंद्र गिरि दोपहर में 12:30 बजे भोजन के बाद रोज की तरह कमरे में आराम करने के लिए गए थे.

दोपहर 3 बजे होता था चाय का समय: FIR में लिखा गया है कि रोज दोपहर 3 बजे उनका चाय का समय होता था. उस दिन उन्होंने चाय के लिए मना कर दिया. कहा कि जब चाय पीनी होगी, सूचना दूंगा. शाम 5 बजे तक कोई सूचना नहीं मिली, तो महंत नरेंद्र गिरि को फोन किया गया, तब उनका फोन बंद आया. दरवाजा खटखटाने पर भी कोई आहट नहीं मिली.

FIR के मुताबिक, ‘सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार द्विवेदी तथा धनन्जय आदि शिष्यों के द्वारा धक्का देकर दरवाजा खोला गया तब तक महाराज जी पंखे में रस्सी द्वारा लटकते हुए पाये गये. जीवन की सम्भावना को देखते हुए हम शिष्यो द्वारा रस्सी काटकर महाराज जी को नीचे उतारा गया तब तक स्वर्गलोक वासी हो चुके थे. श्रीमहाराज जी पिछले कुछ महीने से आनन्द गिरी को लेकर परेशान रहा करते थे. यह बात कभी कभी वह स्वयं कहा करते थे कि आनन्द गिरी हमे बहुत परेशान करता रहता है.’

इस मामले में IPC के सेक्शन 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह सेक्शन आत्महत्या के लिए उकसाने वाले मामलों में लगाया जाता है.

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