उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पुलिस के हाथ-पांव फूल गए हैं. आरोप है कि जिस मामले में पुलिस पिछले एक महीने से एक्शन नहीं ले रही थी. अब उसी मामले में आनन-फानन में एक्शन लिया गया है. वजह बताई जा रही है पीड़ित नाबालिग की आत्महत्या. परिजनों का आरोप है कि गैंगरेप का शिकार हुई नाबालिग सीओ से लेकर डीआईजी तक फरियाद लेकर जा चुकी थी पर हर तरफ से निराशा ही हाथ लगी.
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मामला कुढ़फतेहगढ़ थाना इलाके के गांव अटवा का है. आरोप है कि यहां 15 जुलाई को एक 15 साल की किशोरी के साथ गांव के ही 4 युवकों ने गैंगरेप किया. इसी दिन पीड़िता ने मुख्य आरोपी बीरेश के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इधर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया. पुलिस पर आरोप है कि उसने गैंगरेप के आरोपियों को बचाने की कोशिश की.
परिजनों का आरोप- अधिकारियों तक ने नहीं सुनी
मृतका के परिजनों का आरोप है कि मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर परिजन सीओ से लेकर डीआईजी जी अपनी बात लेकर पहुंचे फिर भी गिरफ्तारी नहीं हुई. परिजनों का कहना है कि पुलिस की इस रवैए से क्षुब्ध होकर पीड़ित किशोरी ने बुधवार को आत्महत्या कर ली. पीड़िता के सुसाइड करने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी बीरेश को गिरफ्तार कर लिया है. उधर पुलिस ने बाकी तीन आरोपियों के खिलाफ भी पॉक्सो एक्ट से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज का जांच टीम गठित कर दी है. आरोपियों को पुलिस तलाश रही है.
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