उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित रसड़ा में शुक्रवार को यूपी एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में 1 लाख रुपये का इनामी बदमाश हरीश पासवान मारा गया. हरीश ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए भी ‘सिरदर्द’ बना हुआ था.
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कहा जाता है कि बिहार में शहाबुद्दीन के इशारे पर कई हत्याकांड को अंजाम देने वाला हरीश पासवान यूपी में अंबेडकरनगर के गैंगस्टर खान मुबारक के लिए भी काम करता था और जरूरत पड़ने पर शूटर तक मुहैया कराता था.
बीती 7 जुलाई 2021 को बलिया में पूर्व जिला पंचायत सदस्य बलवीर सिंह उर्फ जलेश्वर सिंह की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या, 2014 में सिवान में बीजेपी नेता विकास भारती की हत्या और छत्तीसगढ़ में ठेकेदार पीएन सिंह की आसनसोल में हत्या, ऐसी तमाम जघन्य वारदातों में हरीश का नाम था.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, हरीश पासवान पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती आदि के 30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. हरीश को कई बार गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था. मौजूदा वक्त में भी हरीश हाई कोर्ट से जमानत पर बाहर चल रहा था.
हरीश पासवान ने सबसे पहली सनसनीखेज वारदात को अंजाम बैंक लूटकर दिया था. यह मामला 2004 में बलिया के फेफना रोड स्थित बैंक में सात लाख रुपये की लूट और बैंक कर्मचारी की हत्या का था.
हालांकि वारदात को अंजाम देने के 1 घंटे में ही हरीश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद हरीश झारखंड के बोकारो चला गया. उसने बोकारो में किराए पर बोलेरो गाड़ी बुक की और ड्राइवर की हत्या कर टैक्सी लूट ली.
तमाम सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने वाला हरीश पासवान अब सफेदपोश नेता बनने की फिराक में था. हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भी हरीश पासवान ने चुनाव लड़ा था.
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