उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की एक कोर्ट ने नाबालिग बेटी से रेप के दोषी पिता को मौत की सजा सुनाने के साथ ही 51 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला मुकदमा शुरू होने के चार महीने के भीतर आया है.
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विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो अधिनियम) संत प्रताप सिंह ने मंगलवार, 23 नवंबर को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अदालत-प्रथम) नितिन कुमार पांडेय ने दोषी को मृत्युदंड सुनाया है.
इस घटना की शिकायत पीड़ित बच्ची की मां ने दर्ज कराई थी और मुख्य गवाह पीड़िता का सगा भाई था.
सिंह ने अभियोग के आधार पर पीटीआई-भाषा को बताया कि जिले के सुजौली थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ लगातार दो साल से रेप कर रहा था. उन्होंने कहा कि इस दौरान उसने बच्ची का एक व्यक्ति से निकाह करा दिया था, लेकिन निकाह के बाद भी उसे वापस अपने घर ले आया.
उन्होंने बताया कि बीते अगस्त महीने में एक रात बच्ची की चीख सुनकर उसकी मां और भाई ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया और तब बच्ची ने रोते हुए अपनी मां को आपबीती सुनाई.
सिंह ने कहा कि बच्ची ने अपनी मां को बताया था कि उसका बाप उसे डरा-धमकाकर दो साल से रेप कर रहा है और इसके बाद बच्ची की मां ने 25 अगस्त को सुजौली थाने में अपने पति के खिलाफ नाबालिग से रेप और पॉक्सो कानून सहित सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई.
विशेष शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की मां, भाई और दो पड़ोसियों सहित तमाम गवाहों ने दोषी पिता के खिलाफ अदालत में अपनी गवाही दी.
पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने इस मामले में त्वरित आरोपपत्र दाखिल करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि चार महीने में अपनी पैरवी से दोषी को फांसी की सजा दिलाने वाले विशेष शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो कानून) संत प्रताप सिंह को जिला पुलिस द्वारा प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.
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