नरेंद्र गिरि केस: CBI जांच की सिफारिश, अब उस तस्वीर की तलाश जिससे महंत को था बदनामी का डर?

संतोष शर्मा

• 05:30 AM • 23 Sep 2021

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी…

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. सीबीआई जांच शुरू होने से पहले तक प्रयागराज पुलिस भी इस मामले में जांच को आगे बढ़ा रही है. पुलिस अब उस फोटो और वीडियो को तलाशने में लगी है, जिसका जिक्र नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में है और ऐसा माना जा रहा है कि जिसके डर से उन्होंने कथित तौर पर खुदकुशी की है. सोमवार देर रात हरिद्वार से हिरासत में लिए जाने से लेकर बुधवार को कोर्ट में पेश किए जाने के बीच हुई आनंद गिरि से पूछताछ में भी पुलिस उस फोटो और वीडियो के बारे में ही जानकारी लेने की कोशिश करती रही, जिससे वह कथित तौर पर नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल कर रहे थे. हालांकि अब तक की पूछताछ में आनंद गिरि ने ऐसे किसी वीडियो या फोटो के होने से इनकार किया है.

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बुधवार को एक तरफ महंत नरेंद्र गिरि को बाघंबरी गद्दी में भूमि समाधि दी जा रही थी तो वहीं दूसरी तरफ उनके शिष्य आनंद गिरि को पुलिस कोर्ट में पेश कर रही थी. बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि के शव का 5 डॉक्टर, 2 फार्मासिस्ट और दो वीडियोग्राफर की मौजूदगी में 2 घंटे तक पोस्टमॉर्टम हुआ. उनके पेट से अधपचा भोजन भी मिला, जिसे जांच के लिए रख लिया गया. वहीं, विसरा भी सुरक्षित रखा गया है.

आनंद गिरि के 3 मोबाइल फोन जब्त: मंगलवार शाम लगभग 3:00 बजे प्रयागराज पुलिस लाइन लाए गए आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी से पुलिस टीमों ने घंटों पूछताछ की है. खुद एडीजी प्रयागराज जोन ने आनंद गिरि से तमाम सवालों के जवाब मांगे. महंत नरेंद्र गिरि ने अपने कथित सुसाइड नोट में जिस कंप्यूटराइज फोटो या वीडियो के वायरल होने का जिक्र किया उसके बारे में भी आनंद गिरि से पूछताछ की गई. प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरी के 3 मोबाइल फोन भी जब्त कर जांच के लिए भेजे हैं.

कथित सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग भी जांच के दायरे में

पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के उस 13 पेज के कथित सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग मिलान के लिए भेज दिया है. महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से उनकी राइटिंग के कुछ नमूने पुलिस ने सील किए हैं, जिससे सुसाइड नोट की लिखावट का मिलान किया जा सके. लखनऊ फॉरेंसिक लैब ने बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि के उस मोबाइल की भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें उन्होंने 50 सेकंड का वीडियो बनाया था.

प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि से पूछताछ के साथ-साथ आद्या गिरी और संदीप तिवारी से भी पूछताछ की. आनंद गिरी और आद्या तिवारी को आमने-सामने बैठाकर भी पुलिस यही जानने की कोशिश कर रही थी कि आखिर महंत नरेंद्र गिरि ने क्यों इन तीनों को ही कथित आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया. 26 मई को जब आनंद गिरि ने अपने गुरु नरेंद्र गिरी से माफी मांग ली, उसके बाद वह कितनी बार नरेंद्र गिरि से मिलने आए? कितनी बार फोन से बात की? पुलिस ने आनंद गिरि से पूछे इन सवालों के जवाब को मोबाइल में रिकॉर्ड भी किया, ताकि आनंद गिरि और नरेंद्र गिरी के बीच हुई बातचीत की कॉल डिटेल से भी मिलान किया जा सके.

आद्या तिवारी से अकेले भी हुई पूछताछ

आनंद गिरि के साथ जेल भेजे गए आद्या तिवारी से पुलिस की दूसरी टीम ने अकेले भी पूछताछ की. पुलिस जानना चाह रही थी कि नरेंद्र गिरी ने आद्या तिवारी को बड़े हनुमान मंदिर का मुख्य पुजारी बनाया था, तो फिर क्या वजह थी कि वह आनंद गिरि के खेमे में शामिल हो गए थे. पूछताछ के दौरान आद्या तिवारी ने साफ कहा के बड़े महाराज जी नरेंद्र गिरि बाघंबरी गद्दी पर ही रहते थे, वह बहुत कम मंदिर आते थे. वहीं दूसरी तरफ आनंद गिरि मंदिर का कामकाज खुद देखते थे. लिहाजा रोज मुलाकात, बातचीत की वजह से आनंद गिरि से ज्यादा करीबी हो गई.

पूछताछ के दौरान आद्या तिवारी ने बीते साल मठ की एक कीमती संपत्ति के सौदे का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसी सौदे को लेकर बड़े महाराज जी यानी नरेंद्र गिरि और छोटे महाराज जी यानी शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद हुआ, तो हमने आनंद गिरी का पक्ष लिया. उसके बाद से ही महंत नरेंद्र गिरि को लगने लगा था कि आद्या तिवारी और उनका बेटा संदीप तिवारी आनंद गिरि के खेमे में है. फिलहाल प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि और आद्या तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. बुधवार देर शाम संदीप तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्हें गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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