7 छात्रों के मदरसे से शुरू हुआ सफर, जानें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की दिलचस्प कहानी

आयुष अग्रवाल

• 06:09 AM • 05 Aug 2023

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इसके छात्र देश-विदेश में अपना नाम कमा रहे हैं. यहां से कई पढ़े…

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इसके छात्र देश-विदेश में अपना नाम कमा रहे हैं. यहां से कई पढ़े हुए छात्रों ने पूरे विश्व में अपना नाम कमाया है और बड़े-बड़े पदों पर पहुंचे हैं. बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी की जाती है, क्योंकि विभाजन से पहले पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेता इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं.

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हाल फिलहाल में एएमयू कई विवादों की वजह से भी चर्चाओं में रहा है. मगर शिक्षा के क्षेत्र में ये विश्वविद्यालय लगातार अपनी ताकत बढ़ाता रहा. आज देश के लाखों छात्रों का सपना एएमयू में पढ़ने का होता है और वह इसकी परीक्षा पास करके अपना सपना पूरा भी करते हैं. बताया जाता है कि एएमयू की नींव सर सैयद अहमद खां ने मुस्लिम समाज में आधुनिक शिक्षा की जरूरतों को देखते हुए रखी थी. आगे जाकर उनकी इस नींव ने वृट वृक्ष का आकार ले लिया, जो एएमयू के तौर पर पूरे विश्व के सामने आया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतनी विशाल यूनिवर्सिटी की शुरुआत सिर्फ 7 छात्रों से हुई थी?

आज हम आपको एएमयू (AMU) से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसे जान आप भी हैरान रह जाएंगे. जानिए आखिर क्या है वह दिलचस्प कहानी. 

आप में से काफी लोग जानते होंगे कि एएमयू की स्थापना सर सैयद अहमद खां ने 24 मई 1875 को रखी थी. मगर उस समय ना ये विशाल विश्वविद्यालय था और ना ही यहां हजारों छात्रों की भीड़ थी. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि एएमयू की नींव एक मदरसा के तौर पर पड़ी थी. सैयद अहमद खां ने सिर्फ 7 बच्चों को साथ लेकर मदरसा तुल उलूम खोला था. 

माना जाता है कि सर सैयद अहमद खां का मानना था कि मुस्लिम छात्रों को दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाए. वरना वह आज के दौर में पीछे रह जाएंगे. अपनी इसी सोच को लेकर उन्होंने मदरसा तुल उलूम की स्थापना की थी.  

1877 में बना एमएओ

इसके सफर में साल 1877 भी अहम हिस्सा रहा. मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल इस मदरसे को कॉलेज का रूप दे दिया गया. इसका नाम रखा गया मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल यानी एमएओ. इसकी ख्याति आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ती गई और मुस्लिम छात्र यहां पढ़ने के लिए आने लगे.

एएमयू बनने में लग गए 43 साल 

आपको बता दें कि जिस एएमयू को आप देख रहे हैं वह मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल का ही बड़ा रुप है. मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल को ही साल 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाया दिया गया. इसका उद्धाटन 17 दिसंबर 1920 के दिन की गई थी.

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