अखिलेश से लेकर राहुल गांधी तक...कौन कहां से लड़ेगा चुनाव, यूपी की इन VIP सीटों पर कंफ्यूजन बरकरार

कुमार अभिषेक

19 Mar 2024 (अपडेटेड: 19 Mar 2024, 09:18 PM)

उत्तर प्रदेश की सियासत में इस वक्त कई कन्फ्यूजन एक साथ घूम रहे हैं. कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब ढूंढे नहीं मिल रहा.

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की सियासत में इस वक्त कई कन्फ्यूजन एक साथ घूम रहे हैं. कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब ढूंढे नहीं मिल रहा. इन सवालों में राहुल और प्रियंका के अमेठी और रायबरेली के चुनाव लड़ने से लेकर अखिलेश यादव के सीट पर बने सस्पेंस पर भी है. साथ में सवाल ये भी  क्या मैनपुरी में बीजेपी डिंपल के खिलाफ अपर्णा यादव को उतारने की तैयारी में है यानी दोनों बहुएं आमने-सामने हो सकती हैं? 

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सीटों को लेकर है बहुत कंफ्यूजन

ऐसे ही और भी कई सवाल हैं. जैसे कि क्या वरुण और मेनका का पीलीभीत और सुल्तानपुर से पत्ता कटने वाला है यानी उन्हें पार्टी टिकट नहीं दे रही या फिर आखरी वक्त में पार्टी उन्हें फिर से अपने नाव में सवार कर लेगी और टिकट दे देगी. आखिर में चंद्रशेखर आजाद का क्या होगा? क्या कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बावजूद  क्या होगा? क्या कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बावजूद चंद्रशेखर को अकेले ही लड़ना होगा. यह तमाम सवाल ऐसे हैं जो इस वक्त उत्तर प्रदेश की सियासत में जवाब तलाश रहे हैं.  

धर्मसंकट में कांग्रेस

कांग्रेस लगातार यह बात कह रही है कि अमेठी और रायबरेली से राहुल और प्रियंका ही लड़ेंगे लेकिन कांग्रेस आलाकमान की तरफ से अभी तक राहुल और प्रियंका के चुनाव लड़ने को लेकर कुछ भी साफ नहीं है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि प्रियंका रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी और राहुल गांधी ने वायानाड लड़ने की अपनी घोषणा कर रखी है. ऐसे में अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस किसी नए चेहरों को उतार सकती है. लेकिन कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व लगातार इस बात के दावे कर रहा है कि अमेठी और रायबरेली की सीट परिवार की है और अंततः राहुल और प्रियंका ही यहां से उम्मीदवार होंगे. 

अखिलेश की सीट पर सस्पेंस

वहीं कन्नौज को लेकर अभी भी कंफ्यूजन बरकरार है कि क्या अखिलेश यादव यहां से उम्मीदवार होंगे या फिर वह प्रदेश की सियासत में ही खुद को बनाए रखेंगे. कई महीने पहले अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि वह कन्नौज से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीजेपी ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है लेकिन अखिलेश यादव पर सस्पेंस बरकरार है. चर्चा है कि अखिलेश यादव या तो बिल्कुल आखिरी वक्त में अपने नाम का ऐलान करेंगे या फिर खुद को विधानसभा में ही रखेंगे.  

मैनपुरी में होगा बहू vs बहू का मुकाबला!

उधर, मैनपुरी को लेकर सियासत गरमा रही है. डिंपल यादव ने लगातार पिछले कई दिनों से मैनपुरी में डेरा डाल रखा है और जनसंपर्क में जुटी हुई हैं. एक दिन पहले समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से यह शिकायत की है कि मैनपुरी में प्रशासन चुनाव में गड़बड़ियों के लिहाज से सारे हथकंडे अपना रहा है. वहीं दूसरी तरफ ये चर्चा भी चलने लगी है कि दोनों बहुएं आमने सामने हो सकती हैं. डिंपल यादव से जब यह सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि यह मुलायम सिंह यादव की जमीन है. सामने जिसे भी लड़ने आना हो आए, लेकिन जीत तो नेताजी की ही है. 

पीलीभीत से कौन होगा चेहरा 

सबसे ज्यादा सस्पेंस वरुण गांधी के पीलीभीत से चुनाव लड़ने पर बना हुआ है. दो दिन पहले वरुण गांधी ने फेसबुक पेज पर लिखा था कि न्याय की जीत होगी. इसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा था कि वरुण गांधी को शायद टिकट मिलने का भरोसा मिल गया है, लेकिन दिल्ली में यूपी बीजेपी की कोर कमेटी में सभी ने वरुण गांधी के टिकट का विरोध किया है. ऐसे में वरुण गांधी के टिकट पर संशय बना हुआ है.  

अकेले पड़े चंद्रशेखर

दूसरी तरफ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और अखिलेश यादव के बीच खटास नजर आ रही है. कुछ दिन पहले चंद्रशेखर आजाद ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर अखिलेश यादव का बस चलता तो वह उन्हें पैदा ही न होने देते. उसके बाद अखिलेश यादव ने नगीना से अपना उम्मीदवार उतार दिया,  जहां से चंद्रशेखर आजाद ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर रखा है. बीजेपी ने भी अपना कैंडिडेट उतार दिया है और बसपा भी उतरने जा रही है, लेकिन  कांग्रेस का बैनर भी फिलहाल चंद्रशेखर के काम आती नहीं दिख रहा.  

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