नहीं माने राजपूत और समर्थक बूथ रहे खाली? मेरठ में फंसे या बढ़े अरुण गोविल, पत्रकार ये बोले

उस्मान चौधरी

• 07:44 PM • 26 Apr 2024

Meerut Lok Sabha Seat: मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा ने अरुण गोविल को उतारा है. आज मेरठ में मतदान भी हुआ है. इसी को लेकर यूपी तक ने मेरठ के पत्रकारों से मेरठ का चुनावी हाल जानना चाहा. पत्रकारों की माने तो मेरठ में भाजपा फंस गई हैं.

Meerut Lok Sabha Seat

Meerut Lok Sabha Seat, Meerut Lok Sabha, Meerut, Meerut News, Arun Govil, Arun Govil News, UP News, UP Lok Sabha Chunav, Meerut Voting

follow google news

Meerut Lok Sabha Seat: मेरठ लोकसभा सीट पर सभी की नजर है. दरअसल यूपी की इस हॉट सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने विश्व प्रसिद्ध टी.वी सीरियल रामायण में भगवान श्रीराम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को अपना उम्मीदवार बनाया था. भाजपा को घेरने के लिए सपा-कांग्रेस ने दलित उम्मीदवार सुनीता वर्मा को टिकट दिया था.

यह भी पढ़ें...

भाजपा और गठबंधन ही नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी ने भी मेरठ में चौंकाया था. बसपा ने यहां से देवव्रत त्यागी को अपना प्रत्याशी बनाया. ऐसे में मेरठ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया और सभी की नजर इस सीट पर आ टिकी थी. अब जब मेरठ के प्रत्याशियों का भविष्य EVM में कैद हो गया है तो अब सवाल ये है कि आखिर मेरठ में हुआ क्या? मेरठ में किसका पलड़ा भारी रहा? इसी को लेकर UP Tak ने मेरठ के वरिष्ठ पत्रकारों से बात की और जानना चाहा कि आखिर मेरठ में क्या सियासी समीकरण बने?

मेरठ का मतदान क्या कहता है?

UP Tak ने यही सवाल मेरठ के वरिष्ठ पत्रकारों से पूछा. मेरठ के वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि मेरठ में कुछ जगह काफी चौंकाने वाली चीजे सामने आई हैं. यहां मतदान कम हुआ है. चुनाव में कोई लहर नहीं है. इस चुनाव की तुलना 2019 के चुनाव से नहीं की जा सकती है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों को घरों से बाहर निकालने की कोशिश तो की. मगर वह शायद इसमें कामयाब नहीं हो पाए. मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में काफी मतदान हुआ है. मगर हिंदू क्षेत्रों में मतदान कम हुआ है. ऐसा लग रहा है कि भाजपा यहां फंस गई है. 

पत्रकार हरीश ने बताया कि चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहे. राम मंदिर की कोई लहर भी नहीं दिखी. मंदिर और पीएम मोदी के नाम पर वोट नहीं डाले गए. बाहरी उम्मीदवार को लेकर भी लोगों की भाजपा से नाराजगी है. मुझे लग रहा है कि सपा-कांग्रेस की प्रत्याशी सुनीता वर्मा और भाजपा के अरुण गोविल के बीच मुकाबला है. लेकिन जिस तरह से यहां भाजपा और हिंदू संगठनों में गुटबाजी हुई है, ऐसे में भाजपा को नुकसान हो सकता है.

‘भाजपा के लिए ठीक संकेत नहीं’

पत्रकार कवि का कहना है कि आज मेरठ में जो हुआ है, उसकी कल्पना भी भाजपा ने मेरठ में कभी नहीं की होगी. आज मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में खूब साइकिल चली है. हिंदू इलाकों में वोट कम हुआ है. बूथ तक खाली देखे गए हैं. मेरठ में भाजपा के लिए संकेत ठीक नहीं है. पत्रकार कवि ने कहा कि लोगों ने एकत्र होकर वोट किया है. 

‘हिंदू बूथ खाली पड़े रहे’

दूसरे पत्रकार ने कहा कि सुबह हिंदू बाहुल्य क्षेत्र में जो जोश था, वह दोपहर होते ही ठंडा हो गया. हिंदू बूथ खाली पड़े हुए थे. दूसरी तरफ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में खूब मतदान हुआ है. ये भाजपा के लिए काफी परेशानी की बात है. यहां गठबंधन को ठाकुरों, त्यागियों ने भी काफी वोट दिया है.

‘राजपूत-ठाकुर नहीं माने’

पत्रकार राशिद ने कहा कि ठाकुरों औऱ राजपूतों को भाजपा नहीं मना पाई. भाजपा ने इस चुनाव में कई गलतियां की हैं. यहां भाजपा में काफी गुटबाजी थी. यहां अरुण गोविल की कला काम नहीं कर पाई. जनता से उनकी दूरियां रही. मेरे हिसाब से सपा-कांग्रेस के गठबंधन को ठाकुरों-राजपूतों, त्यागियों, दलितों का खूब वोट मिला है. मेरे हिसाब से गठबंधन प्रत्याशी आगे हैं.

    follow whatsapp