UP News: लोकसभा चुनाव खत्म होने के कगार पर आ चुका है. बीते शनिवार छठे चरण का मतदान भी हो गया है, जिसमें यूपी की 14 सीटों पर भी वोटिंग हुई. अब 1 जून को आखिरी चरण का मतदान होना है और उसके बाद 4 जून को लोकसभा चुनावों का परिणाम भी घोषित हो जाना है. जैसे-जैसे 4 जून की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे वरिष्ठ पत्रकारों, राजनीतिक रणनीतिकारों और चुनावी विश्लेषक के चुनावी परिणामों को लेकर आकलन यानी प्रिडिक्शन आने शुरू हो गए हैं. बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और चुनावी विश्लेषक योगेंद्र यादव चुनावों को लेकर अपना फाइनल प्रिडिक्शन जारी कर चुके हैं.
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इसी बीच अब इंडिया टूडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपना प्रिडिक्शन जारी किया है. बता दें कि राजदीप सरदेसाई का ये प्रिडिक्शन काफी चर्चाओं में भी बना हुआ है. राजदीप सरदेसाई ने अपने प्रिडिक्शन में उत्तर प्रदेश समेत हिंदी पट्टी से लेकर तमिलनाडु समेत देश की दक्षिण पट्टी तक का अपना चुनावी आकलन बताया है.
जानिए राजदीप सरदेसाई ने अपने फाइनल प्रिडिक्शन में क्या-क्या बताया
महाराष्ट्र और राजस्थान में हो रहा भाजपा को नुकसान
राजदीप सरदेसाई के मुताबिक, इस बार लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र और कर्नाटक में भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है. इन दो राज्यों में भाजपा को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है और उसकी सीट कम हो सकती है. साल 2019 में जैसा प्रदर्शन भाजपा ने इन दो राज्यों में किया था, अब वैसा प्रदर्शन भाजपा यहां नहीं करने जा रही है.
राजदीप सरदेसाई ने बिहार और हरियाणा को लेकर भी बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र की तरह हरियाणा और बिहार में भी भाजपा को लोकसभा सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. यहां भी भाजपा और उसके सहयोगियों की सीट कम होती दिख रही हैं.
ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मजबूत हुई भाजपा
राजदीप सरदेसाई ने अपने प्रिडिक्शन में ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को लेकर भी बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि इन राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन चौंकाने वाला रह सकता है. यहां भाजपा साल 2019 और साल 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. मगर इन राज्यों में भी भाजपा डबल डिजिट में सीट नहीं जीतने जा रही है. मगर ये साफ है कि अब दक्षिण में भी भाजपा लगातार मजबूत हो रही है.
उत्तर प्रदेश और बंगाल में क्या होने वाला है?
राजदीप सरदेसाई ने अपने प्रिडिक्शन में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को लेकर भी चौंकाने वाली बात बताई है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी रिवाइव होती नजर आ रही है और सपा का मुस्लिम-यादव वोट बैंक भी पहले से मजबूत हुआ है. ऐसे में इस चुनाव में सपा का वोट शेयर भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. मगर इसका सपा को चुनावी परिणाम में कितना लाभ मिलेगा, ये कहना मुश्किल है. राजदीप सरदेसाई का कहना है कि यूपी में साल 2019 और 2022 में भाजपा की जीत का मार्जिन काफी बढ़ा था. ऐसे में देखना ये होगा कि क्या सपा और गठबंधन का बढ़ता हुआ वोट शेयर, उस मार्जिन को क्रोस कर पाता है? अपने प्रिडिक्शन में यूपी को लेकर राजदीप सरदेसाई ये भी कहते हैं कि यहां भाजपा को पहले के मुकाबले ना फायदा होता हुआ दिख रहा है और ना ही नुकसान होता हुआ दिख रहा है.
कांग्रेस कई राज्यों में कर रही अच्छा प्रदर्शन
अपने प्रिडिक्शन में राजदीप सरदेसाई का कहना है कि कांग्रेस, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र में पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत नजर आ रही है और पहले से काफी अच्छा प्रदर्शन करती हुई दिखाई दे रही है. कर्नाटक में तो ऐसा लग रहा है कि यहां कांग्रेस, भाजपा को भारी नुकसान पहुंचाा सकती है.
ममता बनर्जी और नवीन पटनायक चुनाव में कहां खड़े हैं?
राजदीप सरदेसाई ने अपने प्रिडिक्शन में क्षेत्रिय दलों को लेकर भी बात की है. उनका कहना है कि इस चुनाव में क्षेत्रिय दल अपनी जमीन बचाने के लिए ही संघर्ष कर रहे हैं. जैसे ओडिशा और बंगाल में नवीन पटनायक और ममता बनर्जी के खिलाफ भारी एंटी इनकंबेंसी है. मगर फिर भी लोकसभा चुनाव में इन दोनों को ज्यादा नुकसान होता हुआ नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि ये दोनों अपने-अपने राज्यों में बड़े चेहरे हैं, लेकिन इतना जरूर है कि इन चुनावों में दोनों की साख दांव पर लगी हुई है.
मध्य प्रदेश-गुजरात और छत्तीसगढ़ में क्या होने वाला है?
अपने प्रिडिक्शन में राजदीप सरदेसाई कहते हैं कि हिंदी पट्टी के राज्यों में भाजपा आज भी मजबूत है. जैसे भाजपा मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में भाजपा अपना साल 2019 वाला प्रदर्शन दोहराती हुई दिखाई दे रही है. यहां भाजपा को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है.
राजदीप सरदेसाई का कहना है कि जहां-जहां कांग्रेस और भाजपा का सीधा मुकाबला है, वहां भाजपा जमीन पर ज्यादा सक्रिय और मजबूत है. उसका कैडर कांग्रेस से ज्यादा मजबूती के साथ जमीन पर जुटा हुआ है. पिछली बार करीब 178 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला था, जिसमें से कांग्रेन अपने पाले में केवल 12 सीट ही ला पाई थी. ऐसे में देखना ये होगा कि इस बार कांग्रेस इन सीटों पर कैसा प्रदर्शन करती है.
(हमारे साथ इंटर्न कर रहे अर्पित सिंह ने इस स्टोरी को एडिट किया है)
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