Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में रामलला अपने भव्य महल में विराजमान हो गए हैं. राम मंदिर में सोमवार को हुई प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही रामभक्तों का सालों का इंतजार खत्म हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को मुख्य यजमान बनकर मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर परिसर (Ram Mandir Pran Pratishtha) में मौजूद लोगों के सामने 11 दिनों का व्रत तोड़ा. वहीं अब जानकारी सानने आई है कि पीएम मोदी ने क्या खाकर पीएम ने अपना व्रत तोड़ा.
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ये खाकर पीएम ने तोड़ा व्रत
स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने बताया कि, ‘हमें प्रधानमंत्री को पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर देना था. लेकिन उन्होंने मुझे अलग से भगवान श्री राम का ‘चरणामृत’ देने को लिए कहा. इसलिए, हमने ये बदलाव किया.’ गोविंद देव गिरि महाराज ने आगे बताया कि, ‘मुझे उस वक्त मां जैसा प्यार महसूस हुआ और मुझे ऐसा लगा जैसे मैं इसे अपने बेटे को अर्पित कर रहा हूं और उसका व्रत तोड़ रहा हूं.’
इन 40 नियमों का पीएम ने किया पालन
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने कड़े शुद्धीकरण ‘नियमों’ का पालन किया था. पीएम के अनुष्ठान के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए आचार्य श्रद्धानंद पाठक ने बताया कि, ’12 जनवरी से 22 जनवरी तक ग्यारह दिन का कठिन अनुष्ठान किया. इस दौरान प्रधानमंत्री के सिर्फ़ नारियल पानी पीने और ‘भूमि पर शयन’ की बात सामने आयी. सच तो ये है कि प्रधानमंत्री ने जप-तप- आचरण के क़रीब 40 नियमों का पालन किया. नियम अनुसार नमक का सेवन वर्जित है. सेंधा नमक ले सकते हैं. प्रधानमंत्री ने इस नियम का भी पालन किया. प्रधानमंत्री को जप के लिए मंत्र बताया गया था, जिसका पालन प्रधानमंत्री ने किया है. पीएम मोदी की व्यस्तता को देखते हुए ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि वो 3 दिन ने नियम का पालन कर सकते हैं पर प्रधानमंत्री ने पूरे 11 दिन तक नियमों का पालन किया.’
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