बीते हफ्ते अयोध्या स्टेशन पर सरयू एक्सप्रेस की जनरल बोगी में घायल अवस्था में मिली महिला कॉन्स्टेबल की हालत गंभीर बनी हुई है. ट्रेन के अंदर महिला हेड कॉन्स्टेबल को धारदार हथियार से उसके चेहरे पर कई वार किए गए. सिर पर चोट पहुंचाई गई.
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सरयू एक्सप्रेस के अंदर हुई इस हैवानियत की खौफनाक घटना के 6 दिन बाद भी जीआरपी पुलिस खाली हाथ है. पुलिस हमलावर को पकड़ना तो दूर अभी यही नहीं तय कर पाई है कि वारदात को अंजाम देने के पीछे की वजह क्या है.
बीते 29 अगस्त की सुबह 4:00 बजे अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब सरयू एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सीट के नीचे महिला हेड कॉन्स्टेबल खून से लथपथ पड़ी मिली. जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे तो महिला हेड कॉन्स्टेबल के कपड़े अस्त-व्यस्त थे सीट के नीचे खून पड़ा था और चेहरे से खून से रिस रहा था.
आनन-फानन में महिला कॉन्स्टेबल को लखनऊ केजीएमसी में भर्ती कराया गया. 6 दिन बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला कॉन्स्टेबल को तो बचा लिया लेकिन अभी वह बोलने की स्थिति में नहीं है.
ट्रेन के अंदर महिला कॉन्स्टेबल के ऊपर हुए इस जानलेवा हमले की घटना से हड़कंप मचा तो एसपी जीआरपी पूजा यादव, सीओ जीआरपी संजीव सिन्हा लगातार मनकापुर और अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच सुराग तलाश रहे हैं और कैंप कर रहे हैं घटना को एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन अब तक पुलिस घटना की वजह को ही नहीं तलाश पाई है कि आखिर महिला कॉन्स्टेबल के ऊपर यह जानलेवा और खौफनाक हमला किया तो किसने किया और क्यों किया.
अब तक जांच में क्या पता चला?
अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि 29 अगस्त को प्रयागराज से चलकर मनकापुर तक आने वाली सरयू एक्सप्रेस पर सुमित्रा पटेल शाम 6.45 बजे फाफामऊ स्टेशन से चढ़ी थी. ट्रेन करीब 12:00 बजे अयोध्या कैंट स्टेशन पहुंची जहां सुमित्रा पटेल को उतरना था, क्योंकि सुमित्रा पटेल की हनुमानगढ़ी पर मेला में ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन देर रात होने के चलते आशंका जताई जा रही की महिला कांस्टेबल की नींद लग गई और वह 1:00 बजे सरयू एक्सप्रेस से मनकापुर स्टेशन पहुंच गई. चूंकि, ट्रेन एक घंटा यार्ड में रुकने के बाद वापस अयोध्या आती है.
लिहाजा स्टेशन छूटने के चलते महिला कांस्टेबल मनकापुर स्टेशन पर ट्रेन में ही रुकी रही. 1 घंटे बाद मनकापुर से सरयू एक्सप्रेस 3.05AM पर चलती है और 3.45AM पर अयोध्या स्टेशन पहुंची थी. अयोध्या स्टेशन पर ही जीआरपी को सूचना मिलती है कि ट्रेन की जनरल बोगी में सीट के नीचे बहुत खून पड़ा है. पुलिसकर्मी ट्रेन के अंदर जाते हैं तो महिला कॉन्स्टेबल करते हुए बाहर निकलती है.
पुलिस ने अब तक टेस्ट में घायल महिला कांस्टेबल सुमित्रा पटेल के प्रयागराज से लेकर वर्तमान में तैनाती वाले जिले सुल्तानपुर और पूर्व में तैनाती वाले जिले बाराबंकी में भी जुड़े पुराने विवाद कंगाल न शुरू कर दिया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महिला कांस्टेबल के शरीर पर चेहरा और सिर को छोड़कर कहीं पर कोई भी चोट नहीं है. उसके दोनों गाल पर धारदार हथियार से कई वार किए गए हैं. सिर पर दो जगह वजनदार चीज से हमला किया गया जिससे फैक्चर हुआ है.
अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि 43 वर्ष महिला कॉन्स्टेबल सुमित्रा पटेल 1998 बैच की सिपाही हैं. स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुई सुमित्रा पटेल मूलत प्रयागराज के भदरी सोरांव इलाके की रहने वाली है जहां वह अपने दो भाइयों के साथ रहती हैं. प्रयागराज में कई लोगों से पैसों के लेनदेन और संपत्ति को लेकर विवाद की बातें भी सामने आई है जिस पर पुलिस तफ्तीश कर रही है.
अब तक की जांच में पुलिस को शक है कि मनकापुर यार्ड में या तो कोई व्यक्ति महिला कांस्टेबल को पुरानी रंजिश में पीछा कर साथ सफर कर रहा था और अंधेरे में मौका मिलते ही उसने जान लेने की नीयत से हमला कर दिया या फिर यार्ड में खड़ी ट्रेन में यात्रियों के छूटे सामान को चुराने के लिए स्थानीय पॉकेट मार, चाकुबाज घुस जाते हैं और उसी में महिला कांस्टेबल के साथ अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है.
पुलिस अभी इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस और मुखबिरों के सहारे घटना का सुराग तलाश रही है, लेकिन घटना को अंजाम किसने और क्यों दिया यह अभी तय नहीं हो पाया है. घटना के खुलासे में लगाई गई टीम को अब महिला कॉन्स्टेबल के ठीक होकर बयान देने का ही सहारा है कि जब वह बोलेगी तभी पता चलेगा कि घटना को किसने और कैसे अंजाम दिया.
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