ट्विन टावर गिराए जाने के बाद अब नई लड़ाई शुरू हो गई है. इस लड़ाई ने नए विवाद को जन्म दे दिया है. लड़ाई अब पैसे के लेनदेन को लेकर शुरू हो गई है. सुपरटेक बिल्डर ने नोएडा अथॉरिटी से वो पैसा वापस मांगा है जो ट्विन टावर की जमीन का लीज डीड कराने के लिए दिया था. उसपर किये निर्माण के नियमितिकरण के लिए प्राधिकरण को सिक्योरिटी के तौर पर कुछ पैसा जमा करवाया था.
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बिल्डर के खिलाफ एमरॉल्ड कोर्ट सोसायटी में रहने वाले लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. एमरॉल्ड कोर्ट सोसायटी सुपरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ रुपए इंटरेस्ट फ्री मेंटेनेंस सिक्योरिटी वापस मांग रहा है. चूंकि सुपरटेक बिल्डर ने ट्विन टावर के जमीन की लीज डीड के बाद किए गए निर्माण के नियमितिकरण के लिए 25 करोड़ सिक्योरिटी के तौर पर नोएडा प्राधिकरण को जमा कराया था. ऐसे में ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद बिल्डर नोएडा प्राधिकरण से पैसा वापस मांग रहा है.
ट्विन टावर करीब 7500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना हुआ था. ट्विन टावर की लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता केके सिंह ने बताया कि बिल्डर ने अथॉरिटी से सांठगांठ कर प्लॉट के लीज डीड पर बने निर्माण का नियमितिकरण कराने के नाम पर सिक्योरिटी के तौर पर 25 करोड़ रुपए जमा किए थे. अब बिल्डर उस पैसे को मांग रहा है, लेकिन बिल्डर भूल चुका है कि अधिकारियों की सांठगांठ से बिल्डर को प्लॉट का आबंटन किया गया था. सोसायटी में एफएआर का उपयोग ही नहीं किया गया है.
सोसायटी के लोग चाहते हैं कि नोएडा प्राधिकरण के पास जमा 25 करोड़ रुपए बिल्डर को ना देकर सोसायटी को दिए जाएं. इसके अलावा ट्विन टावर में फ्लैट खरीदारों के भी कुछ पैसा बाकी हैं ऐसे में प्राधिकरण को एक सिंगल विंडो बनाकर सभी लोगों बैठाकर चर्चा करने के बाद जिसको पैसा देना उन्हें दे देना चाहिए.
इन सबके बीच ट्विन टावर की जमीन फिलहाल सुपरटेक के पास है. बिल्डर ने अब तक सोसायटी को जमीन नहीं सौंपी है. वहीं सोसायटी के आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष भान सिंह तेवतिया का कहना है कि क्योंकि जमीन पार्क की थी इसी वजह से ट्विन टावर को अवैध मान कर ध्वस्त किया गया है. ऐसे में ध्वस्तीकरण के बाद अब जमीन सोसायटी की है. इसलिए वहां पार्क और बच्चो के लिए प्लेग्राउंड बनाने की चर्चा की जा रही है. बाकी उस पर अन्य कोई निर्माण हो, इसके लिए रेसीडेंस के साथ मीटिंग की जाएगी. उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.
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