गोरखपुर जनपद में स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जरी विभाग ने एक छह साल की बच्ची जो न्यूरो की समस्या की वजह से चलने-फिरने में असमर्थ थी, उसका सफल आपरेशन कर डाक्टरों ने उस को नया जीवन दे दिया है.
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बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि छह साल की बच्ची जन्म से लुंबोसैक्रल मेनिंगोमाइलोसील विथ टेथर्ड कोर्ड जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने सर्जरी कर बच्ची को नई जिदंगी दी है. बच्ची की रीढ़ की हड्डी की नसें गुच्छा बनकर रीढ़ से बाहर आ गई थी. बच्ची के कमर पर एक किलोग्राम की गांठ हो गई थी.
नसें रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से सट गई थी. इसकी वजह से पैरों में ताकत पूरी तरह से खत्म हो गई थी. बच्ची इस समस्या से चल नहीं पाती थी और चोट का प्रभाव भी उस हिस्से पर नहीं पड़ता था. ऑपरेशन के बाद बच्ची स्वस्थ है. पैरों में धीरे-धीरे ताकत लौट रही है.
प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने आगे बताया कि बच्ची को जन्म से ही लुंबोसैक्रल मोनिंगोमाइलोसील विथ टेथर्ड कोर्ड बीमारी से जूझ रही थी. परिजनों ने कई जगह इलाज कराया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. यहां तक की डॉक्टर ऑपरेशन के लिए भी तैयार नहीं होते थे. किसी ने सलाह दी कि एक बार बीआरडी में जांच कराएं. इस पर परिजन बच्ची को लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक पहुंचे.
न्यूरो सर्जन डॉ. नवनीत काला ने जांच की तो बीमारी और उकी गंभीरता के बारे में पता चला. ऑपरेशन काफी कठिन था और लाभ होने की संभावना भी ज्यादा नहीं थी. लेकिन, परिजनों की सहमति के बाद टीम ने पांच घंटे तक ऑपरेशन किया. डॉ. नवनीत काला ने बताया कि यह बीमारी बहुत जटिल है और एक लाख बच्चों में किसी एक को होती है.
बीआरडी में इस तरह का पहला ऑपरेशन किया गया है. इससे पहले केजीएमयू में इस तरह का ऑपरेशन किया था. निजी अस्पतालों में इस आपरेशन में करीब साढ़े चार लाख से पांच लाख के बीच खर्च होता है. जबकि, बीआरडी में मात्र 40 हजार रुपये में यह ऑपरेशन हो गया है. मरीज की स्थिति में काफी सुधार है. धीरे-धीरे उसके पैरों में जान आ रही है. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में गंभीर ऑपरेशन होने लगे हैं. न्यूरो सर्जरी से लेकर हृदय रोग के मरीजों का सफल ऑपरेशन हो रहा है. गंभीर मरीजों को इलाज के लिए अब लखनऊ और दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है.
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