कानपुर में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई. शनिवार को इस मामले में मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हयात जफर कानपुर हिंसा का मुख्य आरोपी है. इसका नाम CAA-NRC के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में भी सामने आया था. हयात जफर मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन का संचालक है.
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इस बीच, हयात जफर की पत्नी उज़्मा हयात हाशमी और उसकी बहन हसीन जफर हाशमी ने उसे निर्दोष बताया है.
हयात जफर की पत्नी उज़्मा हयात हाशमी का कहना है, “पुलिस के द्वारा जो भी आरोप लगाए गए वह सरासर गलत है. कल रात (शुक्रवार) से जफर हाशमी घर से निकले हैं तब से उनका कोई पता नहीं है. मैं कोर्ट में उनके बारे में पता करने आई थी लेकिन अभी कुछ पता नहीं चला है. मेरे पति पर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं. पूरे शहर में उनका नाम है एक अच्छे इंसान हैं इसलिए लोग उनसे जलते हैं, इसलिए उनको फंसाया गया है.”
वहीं, जफर हयात हाशमी की बहन हसीन जफर हाशमी ने कहा, “पुलिस ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए जफर हयात का नाम उपद्रव में डाला है. उसने फेसबुक के जरिए जेल भरो आंदोलन की अपील की थी, लेकिन प्रशासन से समझाने के बाद उस अपील को वापस ले लिया था. पुलिस उपद्रवियों को पकड़ने में नाकाम है जिसकी वजह से भाई पर FIR हुई है.”
उन्होंने आगे कहा कि हमें न्यायालय पर भरोसा है न्यायालय से इंसाफ मिलेगा. हम कोर्ट में जफर हयात को ढूंढने आए थे नहीं मिले अब वापस जा रहे हैं. कल जो कुछ कानपुर में हुआ वह गलत हुआ इसके लिए जांच हो.
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